संत लोंगोवाल के सिद्धांतों से भटके लोगों को श्रद्धांजलि देने का हक नहीं : ढींडसा
संवाद सूत्र लोंगोवाल (संगरूर) शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रधान व राज्यसभा सदस्य ने श्रद्धांजलि दी।
संवाद सूत्र, लोंगोवाल (संगरूर) :
शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रधान व राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा की अगुआई में संत हरचंद सिंह लोंगोवाल की 35वीं बरसी पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान ढींडसा ने कहा कि संत लोंगोवाल ने हमेशा पंथक रिवायतों पर पहरा देते हुए शिरोमणि अकाली दल के सिद्धांतों के रास्ते पर चलाया है, जिसके चलते उन्हें शहीदी देनी पड़ी। उनकी प्रेरणा से ही लोग अकाली दल से जुड़ना शुरू हुए। उन्हें भी संत लोंगोवाल ही राजनीति में लेकर आए थे, जिसके बाद आखिर समय तक संत लोंगोवाल ने उनका साथ दिया। ढींडसा ने कहा कि पंथक रिवायतों पर चलते हुए पार्टी आगे बढ़ रही थी, लेकिन शिअद को सुखबीर बादल की गलत व नाकामियों ने बीच रास्ते से भड़का दिया। इसके बाद लीडरशिप की छवि खराब होती चली गई। इसलिए आज जरूरी है कि संत लोंगोवाल की विचारधारा को दोबारा सुरजीत करने के लिए पंथक एजेंडे सहित पार्टी के सिद्धांतों पर चलाया जाए। उन्होंने कहा कि जिन संगठन के नेता संत लोंगोवाल की सच्चाई, वसूलों को तिलांजलि दे चुके हैं। वह उन्हें श्रद्धांजलि देने का नैतिक हक भी खो चुके हैं।
इस मौके पूर्व वित्त मंत्री परमिदर सिंह ढींडसा, पूर्व चेयरमैन तेजिदरपाल सिंह संधू, पूर्व चेयरमैन रणधीर सिंह रखड़ा, राजिदर सिंह कांझला, गुरबचन सिंह बची, सुखवंत सिंह, मुस्लिम नेता मोहम्मद तुफैल, अजीत सिंह चंदूराइयां, शिरोमणि कमेटी सदस्य हरदेव सिंह रोगला, जयपाल सिंह मंडीया, मलकीत सिंह चंगाल, धर्म प्रचार कमेटी सदस्य रामपाल सिंह बैहणीाल, अमनवीर सिंह चैरी, नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान जीत सिंह सिद्धू, सत्गुर सिंह नमोल, गुरतेज सिंह, हरदीप सिंह, गुरबचन सिंह, जत्थेदार प्रितपाल सिंह हांडा व गुरमीत सिंह जोहल आदि उपस्थित थे।