उपन्यासकार दलीप कौर टिवाणा को किया याद
लहरागागा (संगरूर) स्थानीय गुरु गोबिद सिंह कॉलेज खोखर कलां द्वारा नावलदार दलीप कौर टिवाणा को याद किया।
संवाद सूत्र, लहरागागा (संगरूर)
स्थानीय गुरु गोबिद सिंह कॉलेज खोखर कलां द्वारा उपन्यासकार दलीप कौर टिवाणा की याद में समारोह आयोजित किया गया। समागम दौरान शुक्रवार को दलीप कौर टिवाणा की मौत पर दो मिनट का मौन धारण करके शोक जताया। समारोह में टिवाणा द्वारा रचे साहित्य संबंधी चर्चा की गई। कालेज के वाइस प्रिंसिपल सुखविदर सिंह ने कहा कि दलीप कौर टिवाणा पंजाबी साहित्य की सर्वोत्तम उपन्यासकार थीं। उनका झुकाव महिलाओं की गुलामी व समाज में निचले दर्जे के हालात बयान करने की ओर रहा। उन्हें 1971 में नावल 'एह हमारा जीवणा' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ था, वह पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में बतौर प्रोफेसर व पंजाबी विभाग प्रमुख के डीन के पद पर विराजमान रह चुकी हैं। कॉलेज के चेयरमैन पवन गुप्ता व मैनेजिग डायरेक्टर राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि दलीप कौर टिवाणा को पंजाबी भाषा में पीएचडी करने वाली पहली महिला का सम्मान हासिल है। सीनियर प्रो. सुरजीत सिंह ने उनके जीवन व रचना संबंधी जानकारी देते कहा कि टिवाणा को साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा सरस्वती अवार्ड, पंजाबी साहित्य रत्न व भारत सरकार द्वारा पदमश्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनका समाज में डाला गया योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। अंत में सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।