लोगों का इजाज करने वाला अस्पताला खुद बीमार
लहरागागा संगरूर स्थानीय कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर की हालत बद से बदतर हो चुकी है जोकि क्षेत्र के मरीजों के लिए ¨चता का विषय बनती जा रही है। जिस अस्पताल की अपनी सेहत की खराब हो वहां मरीजों के इलाज की कैसे उम्मीद की जा सकती है। अस्पताल की बदतर हालत संबंधी पहले भी विभिनन संस्थाओं द्वारा आवाज उठाई गई है ¨कतु किसी भी अधिकारी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। लोक चेतना मंच ने इस मामले की तरफ सरकार का ध्यान लाने के लिए जनतक, सामाजिक व अन्य संगठनों से मिलकर कोशिशें करने का फैसला किया है। मंच के प्रधान ज्ञान चंद ने बताया कि अस्पता में न ही जरूरत मुताबिक डॉक्टर हैं व न ही टेस्ट आदि की व्यवस्था है। मरीजों को दवाईयां भी बाहर से महंगे दाम पर लेनी पड़ती है।
जेएनएन, लहरागागा (संगरूर):
स्थानीय कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर की हालत बद से बदतर हो चुकी है, जो क्षेत्र के मरीजों के लिए ¨चता का विषय बनती जा रही है। जिस अस्पताल की अपनी सेहत की खराब हो, वहां मरीजों के इलाज की कैसे उम्मीद की जा सकती है। अस्पताल की बदतर हालत संबंधी पहले भी विभिन्न संस्थाओं द्वारा आवाज उठाई गई है, किंतु किसी भी अधिकारी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। लोक चेतना मंच ने इस मामले की तरफ सरकार का ध्यान लाने के लिए सार्वजनिक, सामाजिक व अन्य संगठनों से मिलकर कोशिशें करने का फैसला किया है। डॉक्टरों की कमी, अन्य स्टाफ के पद भी खाली
सीएचसी में आंखों के रोगों के माहिर, हड्डियों के रोगों के माहिर, सर्जरी के डाक्टर के पद खाली हैं। इसका इलाज करवाने के लिए मजबूरन मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का ही सहारा लेना पड़ता है। डाक्टरों की कमी के अलावा अस्पताल में अन्य स्टाफ की भी भारी कमी है। स्टाफ नर्सों की 15 में से 10 पोस्ट खाली हैं। बेशक लैब टेक्निशयन व रेडियोग्राफर की पोस्टर होने के बावजूद यहां स्थाई स्टाफ तैनात नहीं है। बेशक तीन फार्मासिस्टों की पोस्टें मौजूद हैं, लेकिन केवल एक फार्मासिस्ट ही सेवा निभा रहा है, जबकि दो पद खाली पड़े हुए हैं। दर्जा चार कर्मचारियों की 20 पोस्टों में से केवल एक ही मुलाजिम तैनात है। शोषण का शिकार हो रहे इलाका निवासी
लोक चेतना मंच के प्रधान ज्ञान चंद, नामदेव ¨सह, जीवन राम, जगदीश पापड़ा, रणजीत ¨सह, हरभगवान ¨सह, जगजीत ¨सह, प्यारा लाल, पूर्ण ¨सह, राम ¨सह, म¨हदर ¨सह, सुखदेव ¨सह, गुरमेल ¨सह, जोरा ¨सह, हरी ¨सह, रघबीर ¨सह ने बताया कि अस्पताल में न ही जरूरत मुताबिक डॉक्टर हैं, व न ही टेस्ट आदि की व्यवस्था है। मरीजों को दवाईयां भी बाहर से महंगे दाम पर लेनी पड़ती है। विगत समय से डेंगू व वायरल बुखार से हर घर में मरीज हैं, ¨कतु स्टाफ की कमी के कारण इमरजेंसी सेवाएं बंद हैं का बोर्ड लगा दिया गया है, जिस कारण लोगों को प्राईवेट अस्पतालों में महंगे दाम पर इलाज करवाना पड़ रहा है। मंच के प्रधान ने बताया कि जल्द ही शहर निवासियों व विभिन्न संस्थाओं से बैठक कर अस्पताल की कमियों को दूर करने संबंधी विचार किया जाएगा। उच्च अधिकारियों को लिखा गया है : एसएमओ
एसएमओ डॉ. निर्मल कौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में डाक्टरों की कमी के बारे में उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। अस्पताल में फार्मासिस्ट, एएनएम, चपरासी समेत कई अन्य मुलाजिमों के पद खाली है, जिस कारण इमरजेंसी सेवाएं बंद की गई है।