किसान यूनियन का झंडा लेकर निकाली बारात
संवाद सूत्र भवानीगढ़ (संगरूर) बारात में शहनाई दुल्हे के हाथ में कृपाण तो अक्सर देखने
संवाद सूत्र, भवानीगढ़ (संगरूर) :
बारात में शहनाई, दुल्हे के हाथ में कृपाण तो अक्सर देखने को मिलती है, लेकिन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में घराचों में वीरवार को नए अंदाज में किसान के पुत्र यादविदर सिंह की बारात निकली। बारातियों के हाथ में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के झंडे दिखाई दिए, जबकि शहनाई की बजाए भारतीय किसान एकता जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। इस दौरान लोग भी यह अलग ही नजारा देखकर हैरान थे, लेकिन किसानों के हक में बारात का यह नजारा देखने लायक था।
उल्लेखनीय है कि भवानीगढ़ के गांव घराचों में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के ब्लाक नेता हरजिदर सिंह घराचों के चचेरे भाई यादविदर सिंह अपनी बारात यूनियन के झंडे के तले रवाना किए। यादविदर सिंह के घर से ही सभी रिश्तेदार हाथ में किसान यूनियन के झंडे लेकर दूल्हे के साथ-साथ चले। इस दौरान किसान एकता के नारे लगाए गए। यादविदर सिंह ने कहा कि इस बारात का मकसद कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष में एकजुटता व्यक्त करना है। उन्होंने कहा, पंजाब का हर किसान इन कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। ऐसे माहौल में वह भी अपने विवाह की खुशियों को रोष के रूप में ही मनाने की खातिर यह कदम उठाया हैं। अगर सरकार ने यह कानून तुरंत रद न किए तो किसानों के घरों में बजने वाली खुशियों की शहनाइयां भी सुनाई नहीं देंगी, क्योंकि किसान के हाथों से उनकी जमीन व फसलों कारपोरेट घरानों व पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी।
यादविदर के पिता गुरतेज सिंह ने कहा कि उन्हें फº है कि उनके पुत्र ने किसानों को दर्द को समझते हुए अपने विवाह पर किसानों के संघर्ष को बयान किया है। दुल्हे के चाचा हरजिदर सिंह व मनजीत सिंह ने कहा कि उनका खुशियों के अवसर में भी पूरी तरह किसानी संघर्ष को समर्पित हैं। दूल्हे की मां गुरमीत कौर, पिता गुरतेज सिंह व सभी रिश्तेदारों ने खुशी व्यक्त की र्गइ। साथ ही उन्हें दुआ की कि परिवार के चिराग के विवाह की खुशियों की भांति ही जल्द ही उन्हें कृषि सुधार कानूनों के रद होने की खुशी भी मिले।