कोमल कांसल बनी कौंसिल की वरिष्ठ उपाध्यक्ष, नसीब कौर बोघा उपाध्यक्ष
सुनाम ऊधम ¨सह वाला (संगरूर) नगर कौंसिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में इंडस्ट्री चैंबर के जिलाध्यक्ष घनश्याम कांसल की धर्मपत्नी कोमल कांसल (कांग्रेस की नगर पार्षद) को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया है, जबकि नगर पार्षद नसीब कौर बोघा को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। उक्त दोनों पद करीब दो वर्ष से खाली पडे थे। सोमवार को एसडीएम मनजीत कौर की उपस्थिति में चुनाव प्रक्रिया संपन्न की गई। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे व भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
संवाद सहयोगी, सुनाम ऊधम ¨सह वाला (संगरूर) : नगर कौंसिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में इंडस्ट्री चैंबर के जिलाध्यक्ष घनश्याम कांसल की धर्मपत्नी कोमल कांसल (कांग्रेस की नगर पार्षद) को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया है, जबकि नगर पार्षद नसीब कौर बोघा को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। उक्त दोनों पद करीब दो वर्ष से खाली पडे थे। सोमवार को एसडीएम मनजीत कौर की उपस्थिति में चुनाव प्रक्रिया संपन्न की गई। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे व भारी संख्या में लोग उपस्थित थे। पूरे शहर की निगाहें इस चुनाव पर इसलिए भी टिकी हुईं थी, क्योंकि लंबे समय से पार्षदों की खींचतान चर्चित रही है। पूरे शहर में विजय जुलूस निकाला गया व हलका इंचार्ज दामन बाजवा समर्थकों ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता दामन बाजवा व प्रदेश सचिव हरमन बाजवा ने बधाई देते कहा कि अब शहर का विकास जल्द पटरी पर आएगा। लंबे समय से दोनों पद खाली पडे थे व इसी कारण विकास पूरे ढंग से नहीं हो पा रहा था। उन्होंने कहा कि नगर कौंसिल के अध्यक्ष पद का विवाद भी खत्म करवाने की कोशिश की जाएगी। इस मौके पर इंडस्ट्री चैंबर के जिलाध्यक्ष घनश्याम कांसल, कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष संजय गोयल, कांग्रेस व्यापार सैल के प्रदेश उपाध्यक्ष मुनीष सोनी, कांता पप्पा, याद¨वदर निर्माण, डॉ. अमित शर्मा, विजयपाल ¨सह, ऋषिपाल, ईश्वर गर्ग आदि हाजिर थे।
लोकतांत्रिक पदों तो भरें, कई गंभीर चुनौतियां बरकरार
सुनाम ऊधम ¨सह वाला(संगरूर): भले की स्थानीय नगर कौंसिल में लोकतांत्रिक पदों का सूखा खत्म हो गया है, लेकिन कौंसिल के समक्ष कई गंभीर चुनौतियां हैं। शहर की सफाई व्यवस्था व पानी निकासी का प्रबंध दुरुस्त करने की चुनौती के अलावा बेसहारा पशुओं के आंतक पर अंकुश लगाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। पशुओं कारण हुए हादसों में कई लोगों की जान जाने के बाद शहर निवासी भयभीत हैं। बरसात के पानी के निकास की समस्या भी लंबे समय से बनी हुई है। साथ ही इंदिरा बस्ती को जोड़ने वाली ओलंपिक स्टेडियम की सड़क को चौड़ी करने का मामला भी अधर में है। कई इलाकों में पेय जल का संकट भी गंभीर रूप धारण कर लेता है, जिससे शहर निवासी परेशान रहते हैं। इसके अलावा रेलवे अंडर ब्रिज के भीतर जलजमाव की समस्या व लाइटों का उचित प्रबंध नहीं होने कारण लोगों का भारी दिक्कतें आ रही हैं। उक्त तमाम समस्याओं के अलावा कई इलाकों की टूटी सड़कों को नए सिरे बनाना व कौंसिल की आय वृद्धि करना भी समय की मांग है। देखना होगा कि नया सियासी बदलाव क्या शहर निवासियों को संतुष्ट कर पाएगा।