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वेंटीलेटर पर है शहीद ऊधम ¨सह सरकारी अस्पताल

सुनाम ऊधम ¨सह वाला (संगरूर) मरीजों के इलाज के लिए बने शहीद ऊधम ¨सह सरकारी अस्पताल को खुद इलाज की दरकार है। हालात इतने गंभीर बन गए हैं कि यहां डाक्टरों का भारी टोटा है। डाक्टर के सौलह पदों में से बारह पद खाली पडे हैं व आपात सेहत सुविधाएं पूरी तरह से ठप्प हो चुकी हैं। इलाके के लोग इलाज के लिए तरस रहे हैं और अस्पताल में डाक्टरों के खाली पडे चैंबर, सरकारी व्यवस्था की पोल खोलते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा अहसास होता है कि मानो स्वयं अस्पताल ही वेंटीलेटर पर है। जबकि दूसरी तरफ इलाके में वायरल फीवर से हरेक घर का कोई न कोई सदस्य ग्रस्त है और लोग निजी अस्पतालों में इलाज करवाने को विवश हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 11:09 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 11:09 PM (IST)
वेंटीलेटर पर है शहीद ऊधम ¨सह सरकारी अस्पताल
वेंटीलेटर पर है शहीद ऊधम ¨सह सरकारी अस्पताल

सुशील कांसल, सुनाम ऊधम ¨सह वाला (संगरूर)

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मरीजों के इलाज के लिए बने शहीद ऊधम ¨सह सरकारी अस्पताल को खुद इलाज की दरकार है। हालात इतने गंभीर बन गए हैं कि यहां डॉक्टरों का भारी टोटा है। डॉक्टर के सौलह पदों में से बारह पद खाली पडे हैं व आपात सेहत सुविधाएं पूरी तरह से ठप हो चुकी हैं। इलाके के लोग इलाज के लिए तरस रहे हैं और अस्पताल में डाक्टरों के खाली पडे चैंबर, सरकारी व्यवस्था की पोल खोलते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा अहसास होता है कि मानो स्वयं अस्पताल ही वेंटीलेटर पर है, जबकि दूसरी तरफ इलाके में वायरल फीवर से हरेक घर का कोई न कोई सदस्य ग्रस्त है और लोग निजी अस्पतालों में इलाज करवाने को विवश हो रहे हैं।

बता दें कि अस्पताल में एसएमओ समेत सौलह पद हैं, लेकिन इनमें से यहां बारह पद खाली पडे हैं। वर्तमान में यहां एसएमओ समेत बच्चों के दो विशेषज्ञ डॉक्टर, गायनी विशेषज्ञ और इमरजेंसी मेडिकल अधिकारी तैनात है। अस्पताल की विशाल इमारत तो मरीजों को मुंह चिढ़ाती प्रतीत हो रही है। यहां विभिन्न बीमारियों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी है। डाक्टर्स की कमी के कारण यहां आपात सेहत सुविधाएं बिल्कुल ठप पड़ी हैं और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को जिला अस्पताल में रेफर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। भाकियू के नेता दरबारा ¨सह, जसवंत ¨सह आदि कहा कि सरकार की ओर से करोडों रुपये सेहत सुविधाएं पर खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय सरकारी अस्पताल तो सफेद हाथी साबित हो रहा है। नुमाइंदों ने मांग की कि वायरल फीवर समेत तमाम बीमारियों के बढ रहे प्रभाव के मद्देनजर यहां तुरंत डाक्टर्स की तैनाती की जाए।

डॉक्टरों की तैनाती होने की है संभावना : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. अरूण गुप्ता ने कहा कि उन्होंने खाली पदों सबंधी पूरी रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। सरकार की ओर से डॉक्टर की नई भर्ती की गई है और ट्रे¨नग के बाद इसी माह के अंत में डॉक्टर्स की तैनाती होने की संभावना है। उन्होंने स्वीकार किया कि पूरे जिले में डॉक्टर्स की कमी है। लिहाजा अस्थायी प्रबंध भी होना मुश्किल है। फिर भी सुनाम में एक डॉक्टर को अस्थाई तौर पर तैनात किया गया है।

सेहत के साथ खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा : दामन बाजवा

कांग्रेस की हलका प्रभारी दामन बाजवा ने कहा कि डाक्टर्स की तैनाती के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह और सेहत मंत्री ब्रह्ममो¨हदरा से मुलाकात की है। सरकार की ओर से भरोसा दिया गया है कि जल्द ही शहीद की नगरी में बने अस्पताल में डाक्टर्स की तैनाती की जाएगी। बाजवा ने कहा कि सरकारी सेहत सुविधाएं को जल्द ही पटरी पर लाया जाएगा और लोगों की सेहत से खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा।


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