छह माह में पटाखा गोदाम धमाके का आया फैसला, आरोपित बरी
जागरण संवाददाता, संगरूर : प्रशासन की कमजोरी के चलते सुलर घराट पटाखा गोदाम में 19 सितंबर
जागरण संवाददाता, संगरूर :
प्रशासन की कमजोरी के चलते सुलर घराट पटाखा गोदाम में 19 सितंबर को हुए ब्लास्ट में मारे गए सात लोगों के मामले में नामजद आरोपित गांधी राम व उसके बेटे प्रदीप कुमार को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। केस दर्ज होने के 6 माह कोर्ट में चल रहे ट्रायल के दौरान बयान दर्ज करवाने वाले फैक्ट्री वर्कर्स सुखचैन ¨सह ने बयान बदल दिए। पुलिस यह भी साबित नहीं कर पाई कि जिस पटाखा गोदाम व फैक्ट्री में ब्लास्ट हुआ, वह किसका है। कोर्ट में बचाव पक्ष ने मरने वालों को साबुन फैक्ट्री के का¨रदे साबित कर दिया। उधर, एडवोकेट दसवीर ¨सह डल्ली ने मामले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है।
गौर हो कि दैनिक जागरण ने 21 नवंबर को ही प्रशासन सुस्त, आरोपी चुस्त, समझौते का दबाव शीर्षक से खबर प्रकाशित कर प्रशासन की नाकामी को जगजाहिर कर दिया था। मात्र 6 माह में ही इस भयानक ब्लास्ट में आरोपी माने जा रहे गांधी राम व उसके पुत्र प्रदीप कुमार रिहा हो गए।
दिड़बा थाने में दर्ज एफआईआर में सुखचैन ¨सह 22 निवासी ढंडोली कलां ने बताया था कि वह गांधी राम व प्रदीप कुमार की पटाखा फैक्ट्री में काम करता था। रात की शिफ्ट में सगा भाई गुरप्यार ¨सह सहित कई लोग काम कर रहे थे। वह रात 8 बजे घर के लिए चल पड़ा। बाजार तक ही पहुंचा था कि रात करीब 9 बजे जोरदार धमाका सुनाई दिया। मौके पर पहुंचा तो पटाखों के स्टोर में ब्लास्ट से आग लगी थी। उसका भाई गुरप्यार ¨सह सहित गुरशरण, भूपिंदर, गुरसेवक की लाशें जली पड़ी थी। तब पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। मुख्य गवाह सुखचैन ¨सह ने कोर्ट में बयान दिया कि मरने वाले साबुन फैक्ट्री में काम करते थे। साबुन फैक्ट्री से दूर एक पटाखा फैक्ट्री को प्रशासन ने सील कर रखा था। उसके साथ पटाखा गोदाम था। जहां वह खाना खाने या फिर आराम करने जाते थे। बचाव पक्ष ने भी तर्क दिया है कि प्रदीप कुमार व गांधी राम का ब्लास्ट होने वाले गोदाम से कोई संबंध नहीं है।
एडीसी की अगुआई में गठित की गई मैजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में भी सामने आया था कि अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। सीबीआइ जांच होनी चाहिए : विधायक
क्षेत्र दिड़बा से आप विधायक हरपाल चीमा ने कहा कि 7 नौजवानों की मौत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। हाईकोर्ट में करेंगे अपील
संगरूर वेलफेयर आर्गेनाइजेशन के प्रधान एडवोकेट दसवीर ¨सह डल्ली ने कहा कि मामला काफी गंभीर है और इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। कई ऐसे तथ्य हैं, जो सामने नहीं आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक हितों को देखते हुए वह मामले को अब अपने स्तर पर चुनौती देंगे।