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सांस व दमे के मरीजों के लिए घातक है पराली का धुआं : डॉ. मनदीप

संगरूर पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र संगरूर द्वारा केवीके में सेमिनार करवाया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 05:06 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 06:23 PM (IST)
सांस व दमे के मरीजों के लिए घातक है पराली का धुआं : डॉ. मनदीप
सांस व दमे के मरीजों के लिए घातक है पराली का धुआं : डॉ. मनदीप

जागरण संवाददाता, संगरूर :

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पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र संगरूर द्वारा केवीके कृषि केंद्र संगरूर के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. मनदीप सिंह के नेतृत्व में सिद्धू मेमोरियल पब्लिक स्कूल शेरों में सेमिनार करवाया गया। सेमिनार में 360 बच्चों ने हिस्सा लिया।

इस मौके पर प्रिं. जीवन कुमार ने आए खेतीबाड़ी माहिरों का स्वागत किया। संबोधित करते हुए सहायक बागबानी प्रोफेसर रविदर कौर ने कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण में जहरीला धुंआ घुल जाता है, जिससे सांस व दमे के रोगियों की परेशानी बढ़ जारी है, वहीं जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। एक टन पराली जलाने से 400 किलो जैविक कार्बन के अलावा 5.5 किलो नाइट्रोजन, 2.3 किलो फास्फोरस, 25 किलो पोटाशियम व 1.2 किलो सल्फर का नुकसान होता है। सहायक प्रोफेसर सुनील कुमार ने कहा कि पराली की संभाल के लिए हैप्पीसीडर व सुपर एसएमएस कंबाइन का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।

इस अवसर पर बच्चों के लेख, पोस्टर बनाने, स्लोगन लिखने के मुकाबलों के अलावा पराली न जलाने संबंधी नाटक व स्किट पेश की। मुकाबले में विजेता छात्रों को केवीके अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया। आखिर में स्टाफ सदस्यों व छात्रों द्वारा चेतना रैली निकाली गई। स्कूल चेयरमैन महिदर सिंह सिद्धू द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी द्वारा किए प्रबंध की प्रशंसा की गई।


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