पराली जमीन में करती है खाद का काम : डा. मनदीप
संगरूर पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी द्वारा धान पराली जलाने के नुकसान बाताए।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी द्वारा धान की पराली की संभाल के लिए चलाई गई मुहिम के तहत स्थानीय केंद्र पर किसानों के लिए सिखलाई कोर्स का आयोजन किया गया। इसमें सहयोगी निर्देशक सिखर्लाइ डा. मनदीप सिंह द्वारा किसानों को पराली न जलाकर इसके प्रबंधन हेतु जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पराली जमीन में गलने से खाद का काम करती है। इससे जमीन की जैविक शक्ति में बढ़ोतरी होती है। जबकि पराली जलने से 1515 किलो कार्बनडाइआक्साइड व 92 किलो कार्बन मोनोआक्साइड गैस पैदा होती है। जो पर्यावरण के अलावा मनुष्य सेहत को खराब करती है। सहायक प्रोफेसर फार्म मशीनरी डा. सुनील कुमार द्वारा किसानों को खेती मशीनरी हैप्पीसीडर, सुपरसीडर के जरिए पराली का प्रबंधन कर गेहूं बोने की जानकारी दी। डा. यशमीन कौर सहायक प्रोफेसर द्वारा गेहूं की गुलाबी सुंडी के रोकथाम हेतु जानकारी दी।
इस मौके पर समूह किसानों ने पराली न जलाने का आश्वासन दिया। आखिर में खेती मशीनरी की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें किसानों को खेती साहित्य बांटा गया है।