Move to Jagran APP

एसटीपी जांच की फाइल इसी सप्ताह जाएगी डीसी के पास

जागरण संवाददाता संगरूर 110 करोड़ के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोजेक्ट में एग्रीमें का मामला।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 04:40 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 04:40 PM (IST)
एसटीपी जांच की फाइल इसी सप्ताह जाएगी डीसी के पास
एसटीपी जांच की फाइल इसी सप्ताह जाएगी डीसी के पास

जागरण संवाददाता, संगरूर :

loksabha election banner

110 करोड़ के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोजेक्ट में एग्रीमेंट की अवहेलना करने पर संबंधित कंपनी व अनदेखी करने वाले सीवरेज बोर्ड पर ढ़ाई माह की जांच के बाद किसी भी समय कार्रवाई की गाज गिर सकती है। सहायक कमिश्नर (शिकायतें) सिमरप्रीत कौर ने इस जांच की अंतिम रिपोर्ट इसी सप्ताह के भीतर डीसी को सौंपी जाएगी, जिसके बाद डीसी कार्रवाई पर अमल कर सकते हैं। ढ़ाई माह चली पेशियों के दौरान संबंधित कंपनी ने एग्रीमेंट की अवहेलना करने, प्रोजेक्ट का फंड अनाधिकृत कालोनियों पर खर्च करने, समय पर प्रोजेक्ट को पूरा न करने सहित अन्य लापरवाहियां सामने आई हैं। कंपनी ने जहां प्रोजेक्ट में लापरवाही दिखाई, वहीं सीवरेज बोर्ड भी प्रोजेक्ट को सही तरीके से संपन्न करवाने में अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभा पाया है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के अंत तक शहर में 110 करोड़ रुपये की लागत का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट आरंभ किया गया था। प्रोजेक्ट के तहत शहर में शत प्रतिशत सीवरेज सुविधा, पेयजल सुविधा, गलियों का निर्माण, एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य किया जाना था, प्रोजेक्ट को बेशक एग्रीमेंट के अनुसार 18 माह में संपन्न किया जाना था, लेकिन अक्टूबर 2020 तक भी कंपनी पूरा नहीं कर पाई, वहीं फंड खत्म हो जाने के बाद भी स्लम बस्तियों में अभी भी निर्माण कार्य अधूरा है। शहर निवासी व समाजसेवी जतिदर कालड़ा न इस प्रोजेक्ट के कार्य की शिकायत पंजाब सरकार को दी थी। हर कदम पर खुली लापरवाही की परतें

ढ़ाई माह की जांच में प्रोजेक्ट दौरान संबंधी कंपनी द्वारा बरती गई लापरवाही खुलकर सामने आई। वहीं बनाई गई नई गलियों में स्ट्रीट लाइटों के पोल नहीं लगा गए थे। जिनमें से एक पोल की कीमत 27 हजार के करीब है। शहर में सीवरेज ओवर फ्लो के शिकायतों को 24 घंटे में ही निपटाने का वादा भी कंपनी पूरा नहीं कर पाई। नआई पर्याप्त मशीनरी, न बने पार्क

सीवरेज ओवरफ्लो होने पर 24 घंटे आधा दर्जन के करीब मशीनरी का पक्का प्रबंध करना था, जो चार वर्ष बाद भी शहर में नहीं पहुंची। उसका भी परमिट खत्म, बीमा इत्यादि खत्म हो चुका था, जिसे सबूत शिकायतकर्ता जतिदर कालडा ने जांच दौरान पेश किए थे। मशीनरी के अभाव के कारण अब भी बस्तियों में सीवरेज आवरफ्लो होने की समस्याएं कई-कई दिन हल नहीं होती। जांच के दौरान क्लब रोड पर मौजूद ट्यूबवेल पर पार्क बनाया गया। दिन भर पेयजल सुविधा नहीं मिल पाई। कंपनी व सीवरेज बोर्ड ने पक्ष दर्ज करवाया

कंपनी व सीवरेज बोर्ड की लापरवाही खुलकर सामने आई। जांच की अंतिम कार्रवाई के लिए सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों व संबंधित कंपनी ने अपने जवाब दर्ज करवा दिए। साथ ही शिकायतकर्ता का पक्ष दर्ज कर लिया गया गया है। डीसी करेंगे अंतिम कार्रवाई

सहायक कमिश्नर सिमरप्रीत कौर का कहना है कि मामले की जांच संपन्न कर ली गई है। पक्षों ने अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं। जांच की अंतिम रिपोर्ट डीसी संगरूर को सौंपी जाएगी, जिसके बाद अंतिम कार्रवाई की जाएगी। शहर के विकास के मद्देनजर मसले को पूरी पारदर्शिता से जांचा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.