सात माह बाद खुले स्कूल, विद्यार्थियों के चेहरे खिले
संवाद सहयोगी संगरूर कोरोना महामारी के कारण सात माह से बंद पड़े सरकारी निजी स्कूल खोल दिए गए।
संवाद सहयोगी, संगरूर :
कोरोना महामारी के कारण सात माह से बंद पड़े सरकारी, निजी स्कूल सोमवार से विद्यार्थियों के लिए खुल गए। पहले दिन विद्यार्थियों में भारी उत्साह देखने को मिला। अभिभावकों ने भी अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने में उत्साह दिखाया, लेकिन विद्यार्थियों की पहले दिन की आमद स्कूलों में कम ही रही। फिर भी अध्यापकों व शिक्षा विभाग ने अगले दिनों में स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक होने की उम्मीद जताई। कोरोना वायरस के फैलने का कारण छात्र व स्कूल न बने इसलिए कड़े सुरक्षा प्रबंधों में अध्यापकों द्वारा छात्रों का स्कूलों में प्रवेश करवाया गया व लेक्चर लगाए गए। स्कूल प्रबंधकों ने बताया कि स्कूलों द्वारा किसी एक छात्र पर भी स्कूल आने का दबाव नहीं बनाया गया है, बल्कि जो छात्र स्कूल नहीं भी आना चाहते उनको घरों में आनलाइन ही पढ़ाया जा रहा है। मगर अब स्कूल खुलने व बच्चों को आनलाइन पढ़ाई के बीच तालमेल नहीं बन पा रहा है। स्कूलों को तीन घंटे तक ही लगाया गया।
बच्चों की सुरक्षा के लिए खास प्रबंध
स्कूलों के दाखिल होते ही समय ही सबसे पहले छात्रों के हाथों को सैनिटाइज करवाया गया। इसके बाद जिस किसी छात्र के पास मास्क नहीं था उसको मास्क मुहैया करवाए गए। कक्षा में छात्रों की कुल संख्या के 50 फीसदी छात्रों को ही पढ़ाया गया। छात्रों की पीने वाले पानी व शौचालयों में भी सफाई के खास प्रबंध किए गए। हिदायतों के मद्देनजर छात्रों को पढाया गया: इंदू सिमक
सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल (लड़कियां) की प्रि. इंदू सिमक ने कहा कि सरकार द्वारा दिए दिशा निर्देशों के तहत की छात्रों की पढ़ाई आरंभ कर दी है। कक्षाओं में शारीरिक दूरी के नियम का खास ध्यान रखा गया। जो छात्र स्कूल नहीं आए उन्हे भी ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। जिन छात्रों के अभिभावकों ने लिखित में बच्चों को पढ़ाने की इजाजत दी है उन छात्रों को ही स्कूल में पढ़ाया जा रहा है। छठी से आठवीं तक के छात्रों को भी आनलाइन ही पढ़ाया जा रहा है। स्कूलों में मास्क, हाथों की सफाई व शारीरिक दूरी के नियम की पालना की जा रही है। नौंवी कक्षा में 19, दसवीं में 10, 11वीं में 20 व 12वीं में 48 छात्राएं उपस्थित रही। स्कूल में छात्राओं की उपस्थिती केवल 4.29 ही रही। कर रहे थे स्कूल खुलने का इंतजार
11वीं (कॉमर्स) की छात्रा डेसी, कामर्स की छात्रा प्रिया शर्मा, 11वीं वेकेशनल की छात्रा गुरप्रीत कौर, कामर्स की छात्रा रीतइंद्र कौर, इंटर आर्ट्स की रमनदीप कौर ने बताया कि घर पर बैठे सात माह का समय गुजर गया है। वह तो स्कूल खुलने का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। आखिर आज वह दिन आया। आज उनके सभी विषयों के लेक्चर लगाए गए। अध्यापकों द्वारा मास्क पहनकर व शारीरिक दूरी रख कर ही पढ़ाया गया। सुबह स्कूल में प्रवेश मौके उनका तापमान भी चैक किया गया। एक बैंच पर एक छात्रा को ही बिठाया गया था। स्कूल द्वारा पानी पीने पाली जगह व शौचालय में सफाई के अच्छे प्रबंध किए गए। विद्यार्थियों की सुरक्षा को पहल
स्प्रिंगडेल पब्लिक स्कूल संगरूर के डायरेक्टर जीवन गर्ग ने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा सबसे पहले हैं। कक्षाओं को रोजाना सैनिटाइज करवाया जा रहा है। छात्रों के लिए सैनिटाइजर का प्रबंध किया गया है। अध्यापक भी बच्चों को दूर से पढ़ा रहे हैं। वहीं कक्षा में सीमित बच्चों के बैठने का ही प्रबंध किया गया है। महामारी से बचाव के लिए हर प्रकार का प्रबंध किया गया है।