भक्ति से ही होगी परमात्मा की प्राप्ति : साध्वी
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने सुनाम स्थित आश्रम में कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान संस्थान के संस्थापक एवं संचालक आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी ईश्वरप्रीता भारती ने बताया कि भारतीय संस्कृति में मानव शरीर को ईश्वर की सबसे अनोखी सुंदर व बेहतरीन रचना बताया गया है।
संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने सुनाम स्थित आश्रम में कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान संस्थान के संस्थापक एवं संचालक आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी ईश्वरप्रीता भारती ने बताया कि भारतीय संस्कृति में मानव शरीर को ईश्वर की सबसे अनोखी, सुंदर व बेहतरीन रचना बताया गया है। अथर्ववेद में वर्णित है देह रूपी मंदिर में स्वयं परमात्मा विराजमान हैं, जिसे मनुष्य योनी में ही प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य के जीवन का केवल एक ही उद्देश्य रह जाता है कि वह ईश्वर भक्ति में लग जाएं। साध्वी ने कहा कि आज समाज में यह धारणा बन गई है कि ईश्वर भक्ति केवल असहाय, अनपढ़, दुर्बल, मंदबुद्धि व हताश लोगों का काम है। आज के पढ़े-लिखे समृद्ध समाज को यह समझना होगा कि भक्ति किसी वस्तु का संहार नहीं करती, हमें यह सिखाती है कि हमें जो शक्तियां मिली हैं उनमे से कोई निरर्थक नहीं हैं, बल्कि उन्हीं में से होकर हमारी मुक्ति का स्वाभाविक मार्ग है भक्ति न तो किसी वस्तु का विरोध करती है व न वह हमें प्रकृति के विरुद्ध चलाती है। भक्ति तो केवल हमारी प्रकृति को ऊंचा उठाती है व उसे अधिक शक्तिशाली बनने की प्रेरणा देती है। हमें भी अपने जीवन के परम उद्देश्य प्रभु प्राप्ति में लग जाना चाहिए, जिसके लिए पूर्ण संत की शरण में जाएं जो हमारे भीतर आध्यात्मिकता को विकसित कर हमें हमारे वास्तविक लक्ष्य ईश्वर का साक्षात्कार कराए।