जेल में मिली बहनों को सैनिटाइज की राखी, जेल में बंद कैदियों तक पहुंचाई
संवाद सहयोगी संगरूर कोरोना काल में भाई व बहनों के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन मनाया गया।
संवाद सहयोगी, संगरूर :
कोरोना काल में भाई व बहनों के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार सोमवार को मनाया गया। स्थानीय जिला जेल कैदियों को एकांतवास रखने के लिए प्रयोग में लाई जा रही है। जिला जेल में जहां सुबह 7 बजे से शाम के 7 बजे तक बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए आती थी, वहीं इस बार सोमवार को राखी का त्योहार फीका सा रहा। सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक मात्र 30 से 35 बहनें ही अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए पहुंची, लेकिन कोरोना के कारण इन्हें भाई की कलाई पर राखी बांधने का मौका नहीं मिला, बल्कि जेल के बाहर ही राखी पर चिट लगाकर राखी ले ली गई। कोविड-19 के मद्देनजर स्थानीय जिला जेल में लोकल कैदी न होने के कारण बहनों की इतनी भीड़ नहीं थी। हालांकि जेल प्रबंधन द्वारा कोविड-19 के मद्देनजर बहनों को भाइयों की सेहत को ध्यान में रखते हुए राखी बांधने के लिए उनकी मुलाकात नहीं करवाई गई। जेल प्रबंधन द्वारा बहनों को जेल में ही सैनिटाइज की हुई राखी मुहैया करवाई गई। साथ ही मुंह मीठा करवाने के लिए मिश्री व टीका लगाने के लिए सिदूर दिया गया। जेल के गेट पर ही जेल मुलाजिमों की ड्यूटी लगा रखी थी जो जेल में राखी बांधने के लिए पहुंची बहनों को मुफ्त में राखी देकर उसी राखी को कैदी तक पहुंचा रहे थे। जेल के उच्च अधिकारियों ने कहा कि जेल में कोरोना का विस्तार न हो इसलिए यह इंतजाम किए गए।
डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलतार सिंह, एसपी बलविदर सिंह, वार्डन गुरसेवक सिंह, वार्डन गुरप्रताप सिंह ने बताया कि बहनों के पवित्र त्योहार राखी के लिए वह सुबह से ही बहनों की राखी भाइयों तक पहुंचाने में लगे हैं। जिला जेल एकांतवास घर होने के कारण सुबह से लेकर शाम 3 बजे तक मात्र 30 से 35 बहनें ही राखी लेकर पहुंची। राखी पर्व पर बहनों की इतनी कम गिनती कोरोना महामारी के कारण रही। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों के दौरान वह सुबह सात बजे कैदियों की मुलाकात बहनों से करवाने लगते थे तो उन्हें सांय के सात बज जाते थे। मगर इस बार कोरोना ने भाई बहन के पवित्र त्योहार पर भी दूरी बना दी। वह बहनों द्वारा लाई गई राखी को वापिस करके खुद सैनिटाइज की हुई राखी को ही भाइयों तक पहुंचा रहे थे। साथ ही बहनों द्वारा दिए गए संदेश को भी भाईयों तक पहुंचाया गया। कोरोना के कारण बहनों द्वारा लाई गई मिठाई की जगह जेल प्रबंधन द्वारा दी गई मिश्री देकर भाइयों का मुंह मीठा करवाया गया। टीका लगाने के लिए सिदूर भी उनके द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि लोकल कैदी तो मुक्तसर व पटियाला जेल में हैं, यहां तो मात्र एकांतवास में रखे गए कैदी ही हैं।