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हड़ताल पर सरकारी बाबू, डेढ़ करोड़ का रिवेन्यू प्रभावित

संगरूर पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रीयल मुलाजिम यूनियन की अगुआई में जिले भर के 42 विभागों के मिनिस्ट्रीयल मुलाजिमों की कलम छोड़ हड़ताल वीरवार को दूसरे दिन भी जारी रही। मिनिस्ट्रीयल मुलाजिमों ने एक्साइज विभाग के दफ्तर में रोष रैली की। हड़ताल के कारण जहां दफ्तरी कामकाज ठप हो चुका है, वहीं रजिस्ट्रियां, एक्साइज विभाग में ठेकेदारों के परमिट जारी न होने के कारण सरकार को करोड़ों रुपये का रैविन्यू जमा नहीं हो पा रहा है। गौर हो कि औसतन दौरान 30 लाख रुपये के परमिट एक्साइज विभाग की ओर से जारी किए जाते हैं, वहीं करीब 50 लाख रुपये रजिस्ट्रियों के जमा होते हैं, लेकिन दो दिन से यह रैविन्यू इकट्ठा न होने के कारण सरकार को करीब डेढ़ करोड़ रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं मुलाजिमों की हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रहेंगी व शनिवार-रविवार की छुट्टी के बाद अब लोगों का कामकाज सोमवार को ही होगा। ेो

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 05:33 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 05:33 PM (IST)
हड़ताल पर सरकारी बाबू, डेढ़ करोड़ का रिवेन्यू प्रभावित
हड़ताल पर सरकारी बाबू, डेढ़ करोड़ का रिवेन्यू प्रभावित

जागरण संवाददाता, संगरूर :

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पंजाब स्टेट मिनिस्टीरियल मुलाजिम यूनियन की अगुआई में जिले भर के 42 विभागों के मिनिस्टीरियल मुलाजिमों की कलम छोड़ हड़ताल वीरवार को दूसरे दिन भी जारी रही। मिनिस्टीरियल मुलाजिमों ने एक्साइज विभाग के दफ्तर में रोष रैली की। हड़ताल के कारण जहां दफ्तरी कामकाज ठप हो चुका है, वहीं रजिस्ट्रियां, एक्साइज विभाग में ठेकेदारों के परमिट जारी न होने के कारण सरकार को करोड़ों रुपये का रिवेन्यू जमा नहीं हो पा रहा है।

गौर हो कि औसतन रोजाना 30 लाख रुपये के परमिट एक्साइज विभाग की ओर से जारी किए जाते हैं, वहीं करीब 50 लाख रुपये की रजिस्ट्रियों के जमा होते हैं, लेकिन दो दिन से यह रिवेन्यू इकट्ठा नहीं होने के कारण सरकार को करीब डेढ़ करोड़ रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं मुलाजिमों की हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रहेंगी व शनिवार-रविवार की छुट्टी के बाद अब लोगों का कामकाज सोमवार को ही होगा।

उल्लेखनीय है कि मिनिस्टीरियल मुलाजिमों की हड़ताल के कारण दफ्तरी कामकाज का ढांचा पूरी तरह से हिल गया है। दफ्तरों में काम करवाने के लिए बुधवार के मुकाबले वीरवार को काफी कम लोग पहुंचे, लेकिन इसके बावजूद भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि मुलाजिमों की हड़ताल से अंजान लोग कामकाज करवाने के लिए दफ्तरों में पहुंचे। सबसे अधिक नुकसान तहसील दफ्तर में रजिस्ट्रियां बंद होने के कारण आम लोगों व एक्साइज विभाग में शराब का परमिट न मिलने के कारण ठेकेदारों को झेलना पड़ता है। इसके अलावा जन्म-मृत्यु सर्टिफिकेट, जाति सर्टिफिकेट, असलाह लाइसेंस, पासपोर्ट, डीसी, एसडीएम, एडीसी की कोर्ट से संबंधित मसले अधर में लटके रहे।

नहीं हुई रजिस्ट्री, लोग परेशान

तहसील दफ्तर में रजिस्ट्री करवाने के लिए पहुंचे हरदियाल ¨सह निवासी कैंपर ने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए दफ्तर में पहुंचे, लेकिन हड़ताल के कारण रजिस्ट्री नहीं हो पाई। मुलाजिमों की कुर्सियां खाली पड़ी हुई है व अगले सप्ताह आने के लिए कहा गया है। शराब के परमिट नहीं हुए जारी

ठेकेदार जो¨गदर ¨सह ने बताया कि शराब के ठेकों के लिए रोजाना परमिट कटवाना होगा है, लेकिन आज दूसरे दिन भी परमिट जारी नहीं हुए। इसके अलावा शादी-विवाह इत्यादि में शराब परोसने के लिए ली जाने वाली मंजूरी भी नहीं मिल पा रही है। इस कारण ठेकेदारों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। हड़ताल कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नहीं बन पाया दिव्यांगता का सर्टिफिकेट

संगरूर निवासी बिमला देवी ने कहा कि उसे अपनी बेटी का दिव्यांगता का सर्टिफिकेट बनवाना था। पहले भी बेटी के दस्तावेज जमा करवा चुकी है। आज दोबारा कुछ दस्तावेज जमा करवाने थे, ताकि जल्द से जल्द सर्टिफिकेट मिल सके, लेकिन आज भी दस्तावेज जमा नहीं हो पाए। अब उन्हें सोमवार को बुलाया गया है।


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