पाप बढ़ने पर अधर्मियों का नाश करने के लिए भगवान लेते हैं अवतार : गिरी
अहमदगढ़ (संगरूर) स्थानीय श्री कुंदन जैन समाध में धर्म प्रचार समिति व श्री राधे-रानी प्रभातफेरी मंडल द्वारा मछ्वभागवत पावन 24 अवतारों की कथा व ज्ञान यज्ञ का सोमवार से आरंभ हुआ। महालक्ष्मी यज्ञ का शुभारंभ करने के उपरांत भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन करते हुए स्वामी अकामानंद गिरी महाराज ने बताया कि जब-जब धर्म की हानि होती है व अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान विष्णु अवतार लेकर धर्म की स्थापना करते है।
संवाद सहयोगी, अहमदगढ़ (संगरूर) : स्थानीय श्री कुंदन जैन समाध में धर्म प्रचार समिति व श्री राधे-रानी प्रभातफेरी मंडल द्वारा मद्भागवत पावन 24 अवतारों की कथा व ज्ञान यज्ञ का सोमवार से आरंभ हुआ। महालक्ष्मी यज्ञ का शुभारंभ करने के उपरांत भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन करते हुए स्वामी अकामानंद गिरी महाराज ने बताया कि जब-जब धर्म की हानि होती है व अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान विष्णु अवतार लेकर धर्म की स्थापना करते है। सबसे पहले भगवान का अवतार संत कुमार के रूप में हुआ। दूसरा अवतार बराह अवतार, तीसरा नारद, सभी अवतारों का अपना प्रयोजन होता है। सृष्टि के संचालन के लिए तीन देवताओं की नियुक्ति ईश्वर द्वारा की गई। पालन करने की शक्ति विष्णु को, उत्पन्न करने की शक्ति ब्रह्मा को, संहार करने की शक्ति भगवान शंकर को दी गई। ब्रह्मा जी के साथ में देवी सरस्वती शक्ति के रूप में दी गई, ताकि बुद्धि की प्राप्ति हो। भगवान विष्णु के साथ में महालक्ष्मी जी प्रदान की गई, ताकि समस्त प्राणियों को जीविका में मां की कृपा प्राप्त हो। भगवान विष्णु जगत के समस्त देवताओं में अग्रणी है। इस अवसर पर हैपी ¨जदल, ज¨तदर ¨जदी, सुधीर ¨सगला, गोपाल कृष्ण टोनी, धर्मवीर गर्ग, बलदेव ¨सगला, सु¨रदर कुमार कुरड़ वाले, अरुण गुप्ता, केवल कृष्ण आदि उपस्थित थे।