अहंकार करने वाले का अवश्य होता है पतन
संगरूर पाप करने के बाद अगर अहंम न करें तो उस पाप का असर कम हो जाता है। हम जो हैं नही, ¨कतु हम उसे दिखाना चाहते हैं उसे अहंकार कहते हैं। अहंकार करने वाले का पत्न अवश्य होता है। यह बात आज यहां जैन स्थानक में धर्म सभा को संबोधित करते हुए संघ संचालक नरेश चंद महाराज ने कही। मुनि जी ने मेरी भावना के चौथे पैरे पर चर्चा करते हए कहा कि हमें अहंकार का भाव नहीं रखना चाहिए।
जागरण संवाददाता, संगरूर : पाप करने के बाद अगर अहम न करें तो उस पाप का असर कम हो जाता है। हम जो हैं नही, ¨कतु हम उसे दिखाना चाहते हैं उसे अहंकार कहते हैं। अहंकार करने वाले का पतन अवश्य होता है। यह बात आज यहां जैन स्थानक में धर्म सभा को संबोधित करते हुए संघ संचालक नरेश चंद महाराज ने कही। मुनि जी ने मेरी भावना के चौथे पैरे पर चर्चा करते हए कहा कि हमें अहंकार का भाव नहीं रखना चाहिए। अहंकारी व्यक्ति का बहुत जल्दी पत्न होता है। आज अहम के कारण हमारे घरों की गाड़ियां बीच में ही अटकी पड़ी है। अगर हम अ¨हम को खत्म कर दें तो हमारे घरों में शांति आ जाएगी। अहंकार के हाथी पर बैठने वालों के नीचे गिरना पड़ता है, जिसको अहंकार नहीं उसको गिरने का कोई खतरा नहीं रहता।
एक गुरु ही है जो अहंकार से बचने की प्रेरणा देते है। इसके विपरीत सारी दुनिया अहंकार को ¨जदा रखना चाहती है। मुनि जी ने कहा कि जब तक हम अहंकार का खत्म कर अपने अंदर विनम्रता पैदा नहीं करेंगे। तब तक हमारा कल्याण नहीं हो सकता। जैसे कोमल मिट्टी से ही घड़ा बनता है तथा कोमल मिट्टी में से ही बीच अंकुर होता है, उसी तरह हम भी अपने जीवन में नम्रता को लाना होगा। मधुर वक्ता नवीन मुनि महाराज ने भजनों के माध्यम से कहा कि दुश्मन कितना भी खुंखार क्यों न हो, हमें उससे भी प्यार करना होगा। हमारी राह में कोई ऐश न आए कोई चाह न आए हम इन सबको खत्म कर दे, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
आयमल की लंबी तपस्या में आज तुषार गोयल 30वें दिन, इकाशनों की तपस्या में जीवन जैन 61, शकुंतला जैन 55, अतुल गोयल जैन 42वें दिन में प्रवेश कर गए है। उधर, मीनू जैन आज 6वें आयमल तप में प्रवेश कर गई है।