नहीं ली सबक, छठ पूजा के दौरान रेलवे ट्रैक पर जमे रहे लोग
देसराज शर्मा, अहमदगढ़ (संगरूर): गत 19 अक्टूबर को दशहरे के त्योहार पर अमृतसर साहिब में हुए दर्दनाक
देसराज शर्मा, अहमदगढ़ (संगरूर):
गत 19 अक्टूबर को दशहरे के त्योहार पर अमृतसर साहिब में हुए दर्दनाक रेल हादसे के बाद भी न तो लोगों ने कोई सबक लिया है और न ही रेलवे पुलिस ने। आज भी रेलवे लाइनों पर लोग बेरोकटोक जमा हो रहे हैं और अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे ही वाक्या अहमदगढ़ के इलाके में देखने को मिला, जहां रेलवे लाइनों के समीप ही मौजूद तालाब में लोग छठ पूजा करने के लिए जमा हुए और अधिकतर लोगों की भीड़ रेलवे लाइनों पर ही लगी रही। रेलवे पुलिस के पास नफरी की कमी के कारण न तो रेलवे पुलिस यहां पर यहां पर पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध कर पाई और न ही लोगों को रेलवे लाइनों से हटाने के लिए कोई प्रबंध किया गया। सैकड़ों लोगों की भीड़ को संभालने व उनकी सुरक्षा के लिए मात्र पांच रेलवे पुलिस मुलाजिम ही तैनात किए गए जो केवल ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही साबित हुए।
उल्लेखनीय है कि अहमदगढ़ के समीप लगती जंगाली नहर पर छठ पूजा करने के लिए इलाके के हजारों प्रवासी लोग जमा हुए। मंगलवार शाम को भी जहां भारी संख्या में लोग पूजा करने के लिए नहर पर जुटे, वहीं बुधवार सुबह भी भीड़-भाड़ का माहौल बना रहा। लोगों ने नहर के किनारे पूजा अर्चना की व नहर में उतरकर अर्घ्य दिया। नहर के साथ ही मौजूद रेलवे लाइनों पर भी लोगों की भीड़ जमा रही। लोग लाइनों पर से ही गुजरकर नहर तक पहुंचते देखे गए व वहीं पर खड़े होकर मेले का आनंद लेते रहे। लोगों को न तो अमृतसर साहिब का दर्दनाक रेल हादसे याद था और न ही सामने से आती रेलगाड़ियों का कोई डर। मौके पर लोगों की हिफाजत व पूरा प्रबंध करने के लिए महज पांच पुलिस मुलाजिम ही मौजूद रहे, जबकि लोगों की भीड़ हजारों में रही।
छठ पूजा करने पहुंचे राकेश कुमार, रा¨जदर कुमार, चंदन प्रकाश, रमेश पासवान, विक्की झा, प्रदीप कुमार ने कहा कि यहां पर वह हर वर्ष छठ पूजा करने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां पर कभी भी लोगों के लिए कोई प्रबंध प्रशासन या पुलिस प्रशासन की ओर से नहीं किया जाता। लोगों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। छठ पूजा का स्थान पर मेले जैसा माहौल रहता है, जिस कारण लोगों का सामान, पर्स, मोबाइल इत्यादि भी चोरी हो जाते हैं, लेकिन कोई सुरक्षा कर्मी न होने के कारण इनका कोई सुराग नहीं लग पाता।
इस संबंधी जब जीआरपी के एएसआई कर्मजीत ¨सह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से पांच मुलाजिम तैनात किए हैं, जो लोगों को ट्रैक से हटाने में जुटे हुए है। परंतु लोगों की भीड़ के अनुसार नफरी की बेहद कमी है, जो मुलाजिम मौजूद हैं, उनकी मदद से प्रबंध संभाले जा रहे हैं। लोगों को खुद ही रेलवे ट्रैक से दूर रहना चाहिए, ताकि किसी प्रकार का हादसा होने से बच सकें।