बुद्धिजीवियों को हिरासत में रखने के विरोध में निकाला रोष मार्च
संगरूर पांच बुद्धिजीवियों को पुलिस हिरासत में रखने व चलाए जा रहे मामलों के खिलाफ सोमवार को सीपीआई एमएल न्यूडैमोक्रेसी, इंकलाबी लोक मोर्चा, लोक संग्राम मंच इंकलाबी केंद्र पंजाब, इंकलाबी जम्हूरी लोक मोर्चा द्वारा परजापत धर्मशाला में जबर विरोधी कनवेंशन कर बड़े चौक तक रोष मार्च किया गया।
जागरण संवाददाता, संगरूर : पांच बुद्धिजीवियों को पुलिस हिरासत में रखने व चलाए जा रहे मामलों के खिलाफ सोमवार को सीपीआइ एमएल न्यूडेमोक्रेसी, इंकलाबी लोक मोर्चा, लोक संग्राम मंच इंकलाबी केंद्र पंजाब, इंकलाबी जम्हूरी लोक मोर्चा द्वारा प्रजापत धर्मशाला में जबर विरोधी कन्वेंशन कर बड़े चौक तक रोष मार्च किया गया। इस अवसर पर संबोधित करते दर्शन ¨सह खटकड़, स्वर्णजीत ¨सह, सुख¨वदर कौर, नारायण दत्त, न¨रदर ¨नदी ने कहा कि मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय व देसी कारपोरेट ठेकेदारों व सूदखोरों को अपनी सरकार की हिमायत का सबूत देने के लिए पहले गड़चरौली में झूठा मुकाबला बनाकर 42 लोगों की लाशें उनके समक्ष पेश की। अब नए हमले तहत उसने प्रचार साधनों से अर्बन नक्सल ही दहशत फैला रखी है, जिसका उद्देश्य मध्य वर्गीय चेतन्य लोकपक्षीय व इंसाफ पसंद वकीलों, लेखकों व जम्हूरी वर्करों में दहशत का माहौल पैदा करना है व आदिवासी संघर्ष को मिल रही मदद को रोकना है। इसके अलावा शहरों की नाम बदली, इतिहास की तोड़फोड करके गरीब ¨हदुओं को गुमराह कर ¨हदू फिरकापरस्ती का दांव खेलकर 2019 के लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है। आदिवासियों का संघर्ष देश भक्ति, जम्हूरियत व जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए शुरू किया संघर्ष है। अपने हकों की रक्षा के लिए आदिवासी लोग लंबे समय से केंद्रीय भारत में ¨जदगी-मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए मोदी सरकार आदिवासियों व इनकी अगुआई कर रही माओवादी पार्टी सहित अन्य नक्सली संगठनों पर अत्याचार कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार का किरती लोग डटकर विरोध करेंगे व हर हमले का जवाब दिया जाएगा। जबर विरोधी कन्वेंशन में पटियाला में सांझा अध्यापक मोर्चा के चल रहे मोर्चे की हिमायत करने, किरणजीत कौर कत्ल कांड विरोधी एक्शन कमेटी महल कलां में अहम रोल अदा कर रहे नेता मनजीत धनेर की उम्र कैद की सजा रद्द करने, लोक संघर्षो की अगुआई करने वाले नेताओं पर दर्ज मामले रद्द करने, पुलिस द्वारा कश्मीरी विद्यार्थियों को जबर का निशाना बनाकर दहशत पैदा करने की सख्त शब्दों में ¨नदा की।