बहन की डोली उठाने से पहले फौजी भाई हुआ पाक गोलाबारी में शहीद
जम्मू के कठुआ में शुक्रवार रात्रि गोलाबारी में संगरूर का जवान मनदीप शहीद हो गया। वह अगले माह छुट्टी पर आकर छोटी बहन का विवाह करने वाला था।
जेएनएन, लहरागागा (संगरूर)। मां तुम चिंता मत करो, मैं अगले माह छुट्टी पर आऊंगा और हम सभी मिलकर छोटी का विवाह धूमधाम से करेंगे। मां को हर वक्त धैर्य देने में जुटा रहने वाला गांव आलमपुर का 24 वर्षीय फौजी जवान मनदीप सिंह शुक्रवार को जम्मू के कठुआ इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हो गया। मनदीप के शहीद होने की सूचना मिलते ही घर में मातम का माहौल बन गया। पारिवारिक सदस्य बिलख उठे। गांव में मनदीप सिंह के शहीद होने की खबर से मातम छा गया।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में तैनात गांव आलमपुर का नौजवान मनदीप सिंह पुत्र गुरनाम सिंह आयु (24 वर्ष) 22 सिख रेजिमेंट में करीब ढाई वर्ष पहले भर्ती हुआ था। दो भाइयों व एक बहन के परिवार में मनदीप सिंह बड़ा था। शहीद की माता बलजीत कौर ने कहा कि कुछ दिन पहले ही मनदीप सिंह ने उससे फोन पर बात की थी। वह कह रहा था कि वह अगले माह छुट्टी पर घर आएगा।
पूरा परिवार जहां उसके घर आने की खुशियां मना रहा था, वहीं उसकी छोटी बहन का रिश्ता कुछ समय पहले ही हुआ था। मनदीप कह रहा था कि जब वह छुट्टी से घर आएगा तो छोटी के विवाह की तारीख तय कर धूमधाम से उसकी शादी करेंगे। बेटे के घर आने व बेटी की शादी की तैयारियों की खुशियों को न जाने किसकी नजर लग गई, जो मनदीप के घर आने की बजाय उसके शहीद होने की खबर घर पहुंच गई।
शहीद मनदीप सिंह की फोटो हाथ में लेकर विलाप करते परिवार की आंखों से आंसू का समंदर बह रहा है। शहीद की मां बार-बार घर के दरवाजे पर अपने बेटे के आने की उम्मीद में बिलख उठती है। अपने भाई के कंधे पर डोली उठाए जाने का सपना लिए बैठी बहन की चीखें जो घर की दीवारों को छलनी कर रही हैं। रविवार को गांव में शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचेगा। मनदीप की शहादत की सूचना देने के लिए प्रशासन की तरफ से ब्लॉक व पंचायत अफसर गुरनेत सिंह जलवेड़ा, नायब तहसीलदार हमीर सिंह व चौकी इंचार्ज एसआइ हरसिमरनजीत ङ्क्षसह गांव पहुंचे।
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