महापुरुष होते हैं देश के बहुमुल्य रत्न : साध्वी भारती
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा सुनाम आश्रम में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया।
जागरण संवाददाता, संगरूर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा सुनाम आश्रम में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी ईश्वरप्रीता भारती ने प्रवचनों में कहा कि महापुरुष देश के बहुमुल्य रत्न होते हैं, उनकी चमक कभी फीकी नहीं होती, क्योंकि संसार में वह ऐसे कारनामों को अंजाम देते हैं जो युगों-युगों तक मानवता के लिए प्रेरणास्त्रोत बने रहते हैं। उन्होंने भगवान वाल्मीकि जी के जीवन के बारे में में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह समुद्र मे बहुत सारे रत्न पाए जाते हैं, उसी तरह भगवान वाल्मीकि जी की रचना महानग्रंथ रामायण भी गुण, अंलकार व ज्ञान आदि रत्नों का भंडार है। रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें मर्यादा, सत्य, प्रेम, भावना व सेवक के धर्म की परिभाषा बताई गई। भगवान वाल्मीकि महान तपस्वी थे। उन्होंने कठिन साधना से रामायण ग्रंथ लिखा व हमें प्रदान किया इसलिए वह वैदिक काल की संस्कृत भाषा में महान पूजनीय कवि बने।