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पराली को आग लगाने की बजाय पशुओं के चारे के रूप में करें इस्तेमाल

संगरूर ्रडिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी के निर्देश में खेतीबाड़ी व किसान भर्लाइ विभाग ने सेमिनार करवाया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 11:55 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 06:12 AM (IST)
पराली को आग लगाने की बजाय पशुओं के चारे के रूप में करें इस्तेमाल
पराली को आग लगाने की बजाय पशुओं के चारे के रूप में करें इस्तेमाल

जागरण संवाददाता, संगरूर

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डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी के निर्देश में खेतीबाड़ी व किसान भलाई विभाग द्वारा एक दिवसीय किसान गोष्ठी जिला प्रबंधकीय कंप्लेक्स के ऑडिटोरियम हाल में आयोजित की गई। इसमें अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर विकास राजिदर बतरा ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत की गई। उन्होंने गोष्ठी में शामिल हुए किसानों व गोशाला प्रबंधकों को पराली जलाने की बजाय पशुओं के लिए चारे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया। स्वामी अमृत नंद गोवर्धन जिला मथुरा ने कहा कि वह अपनी गोशालाओं में पिछले दस वर्षों से पराली को पशु चारे के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डॉ. जसविदरपाल सिंह ने कहा कि पराली को आग लगाने से धरती की उपज शक्ति कम होती है, वहीं पर्यावरण में भी जहरीला धुंआ फैलता है। इससे कई प्रकार की बीमारियां पैदा होती हैं। उन्होंने किसानों को खेती मशीनरी पर दी जाने वाली सब्सिडी संबंधी जानकारी दी। डिप्टी डायरेक्टर पशु पालन डॉ. किशन कुमार गोयल ने किसानों को पशुओं की नस्ल सुधार व बीमारियों की रोकथाम संबंधी बताया। इस मौके पर इंजीनियर प्रेम कुमार, समाज सेवी डॉ. एएस मान, पंजाब गोशाला महासंघ के चेयरमैन रमेश गुप्ता, पुनरजोत चैरीटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन वकील चंद गोयल, बलदेव सिंह प्रधान वृद्धाश्रम बड़रूखां के अलावा किसान उपस्थित थे।


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