खैहरा के बाद चीमा भी पानी की टंकी पर चढ़े, सुनी अध्यापकों की समस्याएं
संगरूर ईटीटी टीईटी पास बेरोजगार अध्यापक यूनियन के गत 18 दिन से चल रहे धरने में शिरकत करने के लिए विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा आज 80 फीट ऊंची टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार अध्यापकों से मिले और उनकी समस्याएं सुनीं।
संवाद सहयोगी, संगरूर
ईटीटी टीईटी पास बेरोजगार अध्यापक यूनियन के गत 18 दिन से चल रहे धरने में शनिवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता विधायक एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शनकारियों की सुध ली और उनकी समस्याएं सुनीं। गौर हो कि इससे पहले वीरवार को लोक इंसाफ पार्टी के प्रधान सुखपाल खैहरा भी टंकी पर चढ़कर इन प्रदर्शनकारियों से मिले थे। उधर, चीमा को बाद में बेरोजगार अध्यापकों ने उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराते हुए ज्ञापन भी सौंपा। प्रदर्शनकारी अध्यापकों ने बताया कि राज्य में साढ़े 12 हजार से अधिक ईटीटी अध्यापकों क पद खाली हैं, जबकि दस हजार ईटीटी अध्यापक बेरोजगार घूम रहे हैं ं और अब सरकार ने ग्रेजुएशन में 50 फीसद अंकों की शर्त भी रखी है।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों से विधायक चीमा ने कहा कि पंजाब धरनों का प्रांत बन चुका है। जिन नौजवानों को नौकरियों पर होना चाहिए, वे भूखे, प्यासे, कड़ी धूप व ठंड में घरों से बाहर पानी की टंकियों व सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। आम आदमी पार्टी इन नौजवानों के साथ खड़ी है। आगामी विधानसभा सत्र में पार्टी वहां भी बेरोजगार अध्यापकों का मुद्दा उठाएगी। आम आदमी पार्टी हर बार अध्यापकों का मुद्दा व आमजन से जुड़ा मुद्दा ही उठाती है। लोगों की बदकिस्मती है कि उन्होंने कैप्टन जैसा सीएम चुना।
चीमा ने कहा कि शिक्षा मंत्री संगरूर से संबंधित हैं, मगर उन्हें बेरोजगार अध्यापकों के पास आने व उनकी समस्याएं सुनने की फुर्सत नहीं है। अगर कैप्टन सरकार ने रोजगार मेला ही लगाना है, तो यहां आकर इन नौजवानों को रोजगार दें।
इस अवसर पर यूनियन के प्रांतीय प्रधान दीपक कंबोज ने बताया कि नौकरी के लिए संघर्ष करते हुए उन्हें 18 दिन हो गए हैं, उनके पांच साथी 80 फीट पानी की टंकी पर संघर्ष कर रहे हैं ओर उनके साथी जरनैल सिंह मरणव्रत पर बैठे हैं। मरण व्रत पर बैठे उनके दो साथियों को प्रशासन ने जबरन अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। मगर, उनके साथी अस्पताल में ही संघर्ष कर रहे हैं। रविवार को ईटीटी टीईटी पास बेरोजगार अध्यापक शहर में विशाल रोष प्रदर्शन करने के बाद शिक्षा मंत्री की कोठी का घेराव किया जाएगा।