सेवा में मजहब नहीं दीवार, मुस्लिम परिवारों ने अमृतसर के हरिमंदिर साहिब भेजा 330 क्विंटल गेहूं
सेवा में मजहब कोई दीवार नहीं है। मालेरकोटला के मुस्लिम भाईचारे से संबंधित परिवारों ने अमृतसर स्थित सिख धर्म के पवित्र स्थल श्री हरिमंदिर साहिब के लिए 330 क्विंटल गेहूं भेजा है।
मालेरकोटला [भूपेश जैन]। गुरुघर की सेवा की राह में मजहब दीवार नहीं है। सभी धर्मों के लोगों की भाइचारक सांझ का प्रतीक रहे मालेरकोटला के मुस्लिम भाईचारे से संबंधित परिवारों ने सिख धर्म के पवित्र स्थल श्री हरिमंदिर साहिब के लिए 330 क्विंटल गेहूं भेजा। इस गेहूं को वहां लंगर के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
सिख मुस्लिम सांझ संस्था के प्रयासों से शुक्रवार को गेहूं दो ट्रकों में भरकर अमृतसर भेजा गया। संस्था के प्रधान डॉ. नसीर अख्तर ने कहा कि आगामी दिनों में और राशन भी मदद के लिए भेजा जाएगा, ताकि गुरु घर में पहुंचने वाली संगत के लिए कोरोना काल में निर्विघ्न लंगर की सेवा जारी रहे।
इससे पहले मालेरकोटला के सिख भी ऐसी ही मिसाल कायम कर चुके हैं। गत 23 मार्च को एकदम से कर्फ्यू लगने के बाद विभिन्न राज्यों से पहुंचे बच्चे मदरसे में फंस गए थे। मदरसे के संचालकों के पास उनको खिलाने के उचित प्रबंध नहीं थे। ऐसे में वहां के गुरुद्वारा हां का नारा की प्रबंधक कमेटी ने पचास से अधिक बच्चों समेत वहां के दर्जनभर संचालकों को करीब एक माह तक लंगर मुहैया करवाया था।
डॉ. अख्तर के अनुसार उनकी संस्था पिछले महीने से घर-घर जाकर गेहूं एकत्रित कर रही है। बड़ी संख्या में मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने अपनी इच्छा से गेहूं दान किया, जो लोग नहीं दे पाए उन्होंने नकद सेवा की। उनसे एकत्र किए गए डेढ़ लाख रुपये से और गेहूं खरीदा गया।
भाईचारे से अपील, लंगर रुकना नहीं चाहिए
डॉ. अब्दुल शूकर व मास्टर मोहम्मद अनवर ने कहा कि संस्था इस मुहिम को आगे भी जारी रखेगी और हर प्रकार का सहयोग करेगी। जल्द ही और राशन व अन्य सामग्री एकत्रित करके भेजी जाएगी। उन्होंने भाईचारे के लोगों से अपील भी की कि लंगर के लिए ज्यादा से ज्यादा सामान भेजें।
हमेशा एक-दूसरे की मदद को बढ़ाए हाथ
ट्रक रवाना करने के दौरान तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार रणजीत सिंह ने कहा कि मुस्लिम व सिख भाईचारक सांझ के प्रतीक मालेरकोटला ने हमेशा एक दूसरे की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। यहां के लोगों ने हमेशा सिख धर्म के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मदद की है। यही कारण है कि उनकी सांझ दशकों से ऐसी ही बनी हुई है। उन्होंने डॉ. नसीर अख्तर व पदाधिकारियों को मुबारकबाद भी दी। उनके अलावा सरबत दा भला ट्रस्ट के एसपी सिंह ओबराय ने कहा कि दूसरों की मदद करने से बड़ा कोई और धर्म नहीं है।