मान या कोई और नहीं हुआ फैसला
जिला संगरूर व मालेरकोटला की 7 में से 5 सीटें घोषित कर चुकी आम आदमी पार्टी का धूरी व लहरागागा सीट पर उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा है।
सचिन धनजस, संगरूर
जिला संगरूर व मालेरकोटला की 7 में से 5 सीटें घोषित कर चुकी आम आदमी पार्टी का धूरी व लहरागागा सीट पर उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा है। धूरी सीट पर उम्मीदवार घोषित न करने के कारण ही लहरागागा सीट भी अभी तक अटकी पड़ी है। धूरी में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की फेहरिस्त काफी लंबी होने की वजह से पार्टी द्वारा अभी तक पूरी तरह पत्ते नहीं खोले गए हैं, लेकिन पार्टी द्वारा भगवंत मान को जिला संगरूर की किसी सीट पर चुनाव लड़ाने की चर्चा के बीच अब लहरागागा सीट पर भी भगवंत मान के आने की सुगबुगाहट होने लगी है।
गौर हो कि आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता स्व. संदीप सिगला के पिता अशोक कुमार लक्खा, 2017 के विधानसभा चुनाव लड़ चुके जसवीर सिंह जस्सी, सतिदर सिंह चट्ठा लगातार पिछले लंबे अर्से से धूरी सीट के लिए चुनावी तैयारी कर रहे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी द्वारा भगवंत मान को जिला संगरूर की किसी सीट से चुनाव लड़ाने की चर्चा के चलते धूरी सीट को सबसे बेहतर माना जा रहा है, लेकिन पार्टी अंदरूनी गुटबंदी के चलते अभी तक भगवंत मान को धूरी सीट से चुनावी अखाड़े में नहीं उतारा गया है, जिसको लेकर नई चर्चाएं पैदा होने लगी है।
गौर हो कि अगर 2017 के विधानसभा चुनावों की बात की जाए, तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जसवीर सिंह जस्सी को 46536 मत हासिल हुए थे और वह कांग्रेसी उम्मीदवार दलवीर सिंह गोल्डी से महज 2811 मतों से पराजित हुए थे। तभी से धूरी सीट को आम आदमी पार्टी के लिए सुनाम के बाद सबसे सुरक्षित सीट माना जा रहा है। पार्टी में विरोध के चलते अभी तक भगवंत मान का नाम घोषित नहीं किया गया है। यही कारण है कि लहरागागा सीट पर भी अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है, क्योंकि अगर किसी प्रकार का कोई विरोधाभास होता है, तो पार्टी भगवंत मान को धूरी की बजाए लहरागागा से पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिदर कौर भट्ठल व पूर्व वित्तमंत्री परमिदर ढींडसा के खिलाफ उतारकर बड़े चेहरे के खिलाफ बड़े चेहरे को उतारने की रणनीति अमल में ला सकती है।
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2012 में पीपीपी की टिकट पर चुनाव लड़े थे मान
ध्यान रहे कि भगवंत मान ने 2012 में लहरागागा सीट पर पंजाब पीपुल्स पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर आए थे, लेकिन संसदीय चुनावों में भगवंत मान लहरागागा सीट पर अच्छी स्थिति में रहे हैं, लिहाजा पार्टी को जिले में बड़े चेहरे के खिलाफ उतारकर एक संदेश दे सकती है।
बहरहाल, बेशक भगवंत मान के अभी तक चुनावी अखाड़े में धूरी से खड़ा होने की चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन लहरागागा सीट पर भी उम्मीदवार घोषित न कर आम आदमी पार्टी ने संकेत साफ दे रही है कि अगर धूरी नहीं, तो लहरागागा से भी भगवंत मान चुनावी अखाड़े में उतर सकते हैं।