कुरान शरीफ बेअदबी मामले के आरोपित ने लगाए तत्कालीन आइजी उमरानंगल पर आरोप
संगरूर मालेरकोटला में जून-2016 दौरान हुई कुरान शरीफ बेअदबी मामले में शनिवार को मुख्य आरोपी विजय कुमार संगरूर अदालत में पेश हुए जिसके बाद विजय कुमार ने तत्कालीन आईजी उमरानंगल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आईजी की साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है। विजय कुमार ने बताया कि अदालत में गवाह पेश हुए थे जिनके ब्यान ही नहीं मिलते एक गवाह तो कहता है कि दो आदमी थे व दूसरा गवाह यह कहता हैं कि 4 आदमी थे जो थार गाड़ी में पीछे बैठा था वह कुरान शरीफ के पन्ने फाड़ कर फेंक रहा था इससे स्पष्ट होता है कि यह केस मनगढ़ंत है।
जागरण संवाददाता, संगरूर
मालेरकोटला में जून 2016 दौरान हुई कुरान शरीफ बेअदबी मामले में शनिवार को मुख्य आरोपित विजय कुमार व आप के दिल्ली के महरौली के विधायक नरेश कुमार यादव संगरूर अदालत में पेश हुए। इस दौरान अदालत में बेअदबी मामले को लेकर बहस होने के बाद इस मामले की अगली पेशी 11 जुलाई निर्धारित कर दी गई है। उधर, अदालत के बाहर आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव ने कहा कि उन्हें खुशी हो रही है कि यह केस आगे बढ़ रहा है व केस साफ होने लगा है। पिछले तीन वर्षो से केस वैसे का वैसे ही था, परंतु अब गवाह भी पेश हो चुके हैं व धीरे-धीरे कड़ियां खुल रही हैं। विधायक नरेश यादव के वकील निरपाल सिंह धालीवाल ने कहा कि आज गवाहों का क्रॉस एग्जामिन हुआ है। उन्होंने नरेश यादव के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। अदालत ने 11 जुलाई को और दो गवाहों को बुलाया है। वहीं, अदालत से बाहर आने के बाद विजय कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए तत्कालीन आइजी उमरानंगल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि तत्कालीन आइजी की साजिश के तहत उसे फंसाया गया है।
विजय कुमार ने कहा कि अदालत में जो गवाह पेश हुए थे उनके बयान मेल नहीं खाते। एक गवाह कहता है कि दो आदमी थे तो दूसरा गवाह कहता है कि चार आदमी थे। जो थार जीप में पीछे बैठा था, वह कुरान शरीफ के पन्ने फाड़ कर फेंक रहा था। इससे स्पष्ट है कि यह केस मनगढ़ंत है।
पहले दिन गवाहों ने बयान दिया था कि बोलेरो जीप थी, परंतु किसी न किसी तरीके से पुलिस उसकी थार जीप को पकड़ कर ले लाए। उसे उनके गांव मुल्लापुर के घर से 26 जून को पकड़ा गया था, जबकि पुलिस ने उसे 27 जून दोपहर तीन बजे पटियाला से पकड़ा दिखाया। पुलिस ने दावा किया कि वह पंजाब से भागने की कोशिश कर रहा था। ऐसे में सवाल यह है कि क्या पंजाब इतना बड़ा है कि एक आदमी को भागने के लिए तीन दिन लगते हैं। यह सब पुलिस की मनघढ़ंत कहानी है। उसे पुलिस ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया व गुप्तांग पर करंट लगाया था। उसकी कनपटी पर पिस्तौल रखकर धमकाया गया कि तुझे मार कर नहर में फेंक दिया जाएगा। इससे वह डर गया था और जब पुलिस वाले उससे पुछताछ कर रहे थे तो आइजी उमरानंगल उसके सामने ही थे। जब उसने कहा कि वह नरेश यादव के घर से ब्रेकफास्ट करके आया है, तो उमरानंगल ने किसी से फोन पर बात करके नरेश यादव का नाम साथ जोड़कर इस कुरान शरीफ बेअदबी में फंसा लिया। यही नहीं उसे जेल में भी धमकाया जाता था और वकील तक नहीं करने दिया। जब उसके बयान लेने जेल में माननीय जज आए, तो उसने माननीय जज से अपील की थी, तो उन्होंने उसे वकील दिया।
वहीं, मुख्य आरोपित विजय कुमार के वकील अश्विनी चौधरी ने कहा कि इस केस को चलते हुए करीब तीन वर्ष से ज्यादा समय हो गया है, परंतु कभी भी आरोपित की शिनाख्त नहीं करवाई गई। अब जब गवाह पेश हुए तो उन्होंने अदालत को बताया कि 2 आदमी जीप में सवार होकर कुरान शरीफ की बेअदबी कर रहे थे, जबकि जब उन्होंने एफआइआर दर्ज करवाई थी तो उसमें बोलेरो गाड़ी का जिक्र किया था व उसमें चार आदमियों का जिक्र किया था। जिससे स्पष्ट होता है कि यह केस झूठा व बेबुनियाद डाला जा रहा है। साथ ही यह राजनीति से प्रेरित है। उन्हें उम्मीद है कि अदालत में इंसाफ मिलेगा। तीन वर्ष से दोषियों की शिनाख्त तक नहीं करवाई गई, जबकि मुख्य गवाह इन लोगों को अदालत में पेश होते देखते रहे हैं। पुलिस ने जानबूझकर सुबूतों को खुर्दबुर्द कर रखा है, कोई डीवीआर कब्जे में नहीं लिया व कोई सीसीटीवी कैमरे की फुटेज नहीं है। जब कुरान शरीफ के पन्नों को फॉरेंसिक जांच लैब में भेजा गया, वहां भी पुलिस ने कुछ नहीं दिया। जिसके चलते वहां से भी एतराज लगकर यह वापस आ गए। अब अगली तारीख पर अन्य 2 गवाह पेश होंगे और पुलिस के 2 अधिकारियों को भी अदालत ने समन किए हैं।