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जिले के ग्रामीण इलाकों में 25 दिनों ठप पड़ा है मनरेगा अधीन होने वाला कामकाज

रेगुलर करने की मांग को लेकर मनरेगा गवर्नमेंट कांट्रेक्ट कर्मचारियों की नौ जुलाई से लगातार चल रही हड़ताल के कारण ग्रामीण इलाकों का कामकाज ठप हो चुका है। करीब 25 दिनों से कांट्रेक्ट कर्मचारी संघर्ष कर रहे हैं जबकि सरकार अभी तक अड़ियल रवैये पर अड़ी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 06:57 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:57 PM (IST)
जिले के ग्रामीण इलाकों में 25 दिनों ठप पड़ा है मनरेगा अधीन होने वाला कामकाज
जिले के ग्रामीण इलाकों में 25 दिनों ठप पड़ा है मनरेगा अधीन होने वाला कामकाज

जागरण संवाददाता, संगरूर रेगुलर करने की मांग को लेकर मनरेगा गवर्नमेंट कांट्रेक्ट कर्मचारियों की नौ जुलाई से लगातार चल रही हड़ताल के कारण ग्रामीण इलाकों का कामकाज ठप हो चुका है। करीब 25 दिनों से कांट्रेक्ट कर्मचारी संघर्ष कर रहे हैं, जबकि सरकार अभी तक अड़ियल रवैये पर अड़ी हुई है। सरकार के इस रवैये के खिलाफ मंगलवार को पेंडू विकास व पंचायत विभाग के तहत कांट्रेक्ट पर ड्यूटी निभा रहे मनरेगा मुलाजिमों द्वारा बारिश के बीच हाथों में मांगों संबंधी तख्ती पकड़कर बनासर बाग से लेकर महाराजा अग्रसेन चौक तक रोष मार्च निकाला गया। हड़ताल के कारण ग्रामीण इलाकों में गलियां, नालियां, पार्क, हरियाली, स्टेडियम व ड्रेनों की सफाई सहित अन्य हर प्रकार के मनरेगा अधीन होने वाले कार्य बंद पड़े हुए हैं। इतना ही नहीं, मनरेगा मजदूरों को भी पर्याप्त कामकाज नहीं मिल पा रही है। जिले के हजारों मनरेगा मजदूरों को काम नहीं मिला, वहीं करोड़ों रुपये की दिहाड़ी नहीं मिल पाई हैं।

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पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए राज्य सीनियर उपप्रधान रणधीर सिंह धीमान व जिला प्रधान संजीव काकड़ा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के 18 लाख नरेगा रोजगार प्राप्त मजदूरों के चूल्हे ठंडे हो चुके हैं। फिर भी पंजाब सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। सरकार ने चुनाव के दौरान सत्ता में आने से पहले मुलाजिमों को पक्का करने का वादा किया था, लेकिन साढ़े चार वर्ष गुजरने के बावजूद उन्हें पक्का नहीं किया गया। वह पिछले करीब दस-बारह वर्ष से नाममात्र तनख्वाह पर काम करने को मजबूर हैं। गांवों में होने वाले विकास कार्य मनरेगा कर्मचारियों की हिस्सेदारी के बिना अधूरे हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल दौरान गांवों में हुए विकास कार्यों में मनरेगा कर्मचारियों की हिस्सेदारी सबसे अहम रही है। वित्तीय वर्ष के दौरान पंजाब में मनरेगा तहत 1600 करोड़ से अधिक राशि विभिन्न कार्यों पर खर्च किए गए हैं। सरकार की उनके प्रति उदासीनता के खिलाफ मनरेगा कर्मचारी यूनियन द्वारा पांच अगस्त को कच्चे मुलाजिम पक्के करने हेतु बनाई सब कमेटी के मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की रिहायश का घेराव किया जाएगा। इस मौके ब्लॉक प्रधान बलविदर सिंह, गुरजीत सिंह, जसवीर सिंह, गुरमीत सिंह, तरसेम चंद, बलजीत सिंह, अमनदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह, बलवीर सिंह, रमनप्रीत कौर, संजीव मित्तल आदि उपस्थित थे।


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