गुमनाम चिट्ठी की आड़ में पत्रकार को थाने में बिठाया किया जलील, रोष
सुनाम की हलका इंचार्ज व उनके परिवार संबंधी कुछ दिन पहले सामने आई एक गुमनाम पत्र के मामले में पुलिस द्वारा गुमनाम चिट्ठी की जांच की आड़ में शहर के एक पत्रकार को सवा तीन घंटे थाने में बिठा कर जलील किया गया।
संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : सुनाम की हलका इंचार्ज व उनके परिवार संबंधी कुछ दिन पहले सामने आई एक गुमनाम पत्र के मामले में पुलिस द्वारा गुमनाम चिट्ठी की जांच की आड़ में शहर के एक पत्रकार को सवा तीन घंटे थाने में बिठा कर जलील किया गया। इस मामले का संज्ञान लेते हुए पत्रकार भाईचारे द्वारा डीजीपी पंजाब व एसएसपी संगरूर के ध्यान में मामला लाने का फैसला लिया गया है। पीड़ित पत्रकार राजेश ने कहा कि हाल ही में किसी सियासी नेता की शान के खिलाफ किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लिखा पत्र शहर के कुछ व्यक्तियों के पास पहुंच गया था। यह पत्र खबर छापने के लिए कई पत्रकारों को मुहैया भी करवाई गई। परंतु पत्र में लिखी गलत शब्दावली के कारण उसने अन्य पत्रकारों की तरह खबर बनाना मुनासिब नहीं समझा। हलका इंचार्ज दामन बाजवा ने कुछ दिन पहले उक्त पत्र के जरिए उन्हें बदनाम करने वाले अज्ञात व्यक्तियों पर कार्रवाई के लिए पर्चा भी दर्ज करवाया। मंगलवार को एक फोन द्वारा पुलिस ने उसे इस पत्र संबंधी पूछताछ के बारे में थाने में बुलाया गया। थाने में उसने एसएचओ को बताया कि अन्य पत्रकारों की तरह उसे भी उसकी गैरमौजूदगी में पत्र कोई दफ्तर में पकड़ा गया था। इससे अधिक उसे कोई जानकारी नहीं है, लेकिन पुलिस ने उस पर किसी का नाम लेने के लिए दबाव बनाता रहा। इतना ही नहीं उसे सीआईए स्टाफ लेकर जाने की धमकी भी दी गई।
इस संबंधी जब एसपी (डी) हरप्रीत सिंह संधू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एसएचओ को खास तौर पर हिदायत की थी इस मामले में किसी को भी पांच मिनट की पूछताछ करने के बाद घर जाने दिया जाए। थाने में बुलाए पत्रकार का खास तौर पर सम्मान बहाल रखा जाएगा। जर्नलिस्ट एसोसिएशन का प्रधान दर्शन सिंह चौहान व एसयूएस क्लब के प्रधान कृपाल सिंह ने कहा कि एसएचओ के इस रवैये की वह कड़ी निदा की व पत्रकार भाईचारा इस मामले संबंधी एसएसपी संगरूर व डीजीपी पंजाब के ध्यान में मामला लाकर इंसाफ की गुहार लगाए गई।