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वर्करों ने पहली ही बैठक में सुखबीर की सुनाई खरी-खोटी

कैलीफोर्निया पैलेस में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल ने हलका इंचार्जो, पार्टी के सीनियर नेताओं से बैठकों की मुहिम संगरूर से आरंभ की। पंजाब भर के 117 क्षेत्रों में एक माह के दौरान यह बैठकों का दौर समाप्त किया जाएगा। संगरूर में मुहिम की इस पहली बैठक में सुखबीर बादल को वर्करों की खरी-खोटी सुननी पड़ी। बेशक सुखबीर बादल के आगे वर्कर भड़ास निकालते रहे। लेकिन बादल का रवैया वर्करों की भड़ास के आगे नर्म रहा। सुखबीर बादल वर्करों की भावनाओं को समझते हुए उन्हें एकजुट करने के प्रयास में जुटे रहे, जबकि समीक्षा बैठक में वर्करों के अलग-अलग गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ सुखबीर बादल के सामने ही जमकर भड़ास निकाली और एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 10:37 PM (IST)
वर्करों ने पहली ही बैठक में सुखबीर की सुनाई खरी-खोटी
वर्करों ने पहली ही बैठक में सुखबीर की सुनाई खरी-खोटी

जागरण संवाददाता, संगरूर : कैलीफोर्निया पैलेस में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल ने हलका इंचार्जो, पार्टी के सीनियर नेताओं से बैठकों की मुहिम संगरूर से आरंभ की। पंजाब भर के 117 क्षेत्रों में एक माह के दौरान यह बैठकों का दौर समाप्त किया जाएगा। संगरूर में मुहिम की इस पहली बैठक में सुखबीर बादल को वर्करों की खरी-खोटी सुननी पड़ी। बेशक सुखबीर बादल के आगे वर्कर भड़ास निकालते रहे। लेकिन बादल का रवैया वर्करों की भड़ास के आगे नरम रहा। सुखबीर बादल वर्करों की भावनाओं को समझते हुए उन्हें एकजुट करने के प्रयास में जुटे रहे, जबकि समीक्षा बैठक में वर्करों के अलग-अलग गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ सुखबीर बादल के सामने ही जमकर भड़ास निकाली और एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। हालात इस कदर गर्मा गए कि हलका दिड़बा से आए पार्टी वर्करों ने सुखबीर बादल के सामने एक-दूसरे के खिलाफ कीचड़ उछालने से भी परहेज नहीं किया। ऐसे में अन्य सीनियर नेता वर्करों को शांत करने में जुट रहे। वर्करों ने अपने-अपने क्षेत्रों की बैठकें करने के बाद उन्हें जमीनी स्तर की असलियत से अवगत करवाया व जो बातें वह नहीं कर सकते थे, उन बातों से भी अवगत करवाया। मौके पर एसजीपीसी प्रधान गो¨बद ¨सह लौंगोवाल, लहरागागा से विधायक पर¨मदर ¨सह ढींडसा, इकबाल ¨सह झूंदां, प्रितपाल ¨सह हांडा, विधानसभा क्षेत्र संगरूर के इंचार्ज प्रकाश चंद गर्ग, रा¨जदर ¨सह कांझला, पार्टी के कोर कमेटी के सदस्य विनरजीत ¨सह गोल्डी, बलदेव ¨सह मान, हरी ¨सह नाभा, गुरबचन ¨सह बची, हरदेव ¨सह रोगला, तेजा ¨सह कमालपुर, गगनजीत ¨सह बरनाला आदि उपस्थित थे।

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माफी पहले मांग लेते सरकार तो न जाती

वर्करों के विचारों को सुखबीर ¨सह बादल ने ध्यान से सुना व अहसास भी किया कि अकाली-भाजपा सरकार के समय उनसे जरूर कुछ न कुछ गलतियां हुई होंगी। जिस कारण अकाली-भाजपा गठबंधन अपनी सरकार नहीं बना सका। विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे अकाली नेताओं ने कहा कि सुखबीर बादल परिवार द्वारा श्री हरिमंदिर साहिब में जाकर जो माफियां मांगी उनका कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि जमीनी स्तर पर उलटा असर हुआ। कुछ नेताओं का यह भी विचार था कि यदि यह माफियां अकाली-भाजपा गठबंधन की सरकार के समय मांगी जाती तो इसका लोगों पर असर भी होता व शायद बरगाड़ी मोर्चा भी न लगता।

पंथक एजेंडे के कारण दूर हुए टकसाली

कुछ नेताओं ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पंथक एजेंडा छोड़ गया है। इसी कारण टकसाली नेता पार्टी से दूर चले गए हैं। इन लोगों ने जीवन में 50-50 वर्ष अकाली दल की बेहतरी में लगाए थे। उन्हें दोनों सरकारों में जरूरी मान-सम्मान भी नहीं मिल सका। यहां तक कि उनके किसी बच्चे को चपड़ासी लगाने की जरूरत भी नहीं समझी गई।

पंच न बनने वाले को भी दे दी जाती बड़ी जिम्मेदारी

एक नेता ने तो यहां तक कह दिया कि जो नेता अपने गांव में पंच का चुनाव भी नहीं जीत सकते उन्हें भी सरकार के समय बड़े पद देकर नवाजा गया था। टकसाली नेताओं के परिवार सवाल करते हैं कि अपना पूरा जीवन पार्टी में लगाने पर अकाली दल ने उन्हें क्या दिया है। इसलिए उनकी नई पीढ़ी अकाली दल का विरोध कर कांग्रेस या अन्य पार्टियों का समर्थन करती है।

सभी पार्टी वर्करों के सुझावों पर होगा विचार

एक सवाल का जवाब देते सुखबीर ¨सह बादल ने कहा कि उन्होंने यह सभी सुझाव नोट कर लिए हैं ¨कतु नए मापदंडों के अनुसार कानून के दायरे से बाहर जाकर किसी नौजवान को नौकरी नहीं दी जा सकती। मामले अदालतों में चलते जाते हैं। फिर भी इस तरह के मापदंड बनाए जाएंगे।


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