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सैकडों की गिनती में किसानों के काफिले दिल्ली रवाना

संयुक्त किसान मोर्चे की वर्षगांठ व एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर जिला भर से सैकड़ों की गिनती में किसानों ने काफिले के रूप में दिल्ली की तरफ कूच किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 06:26 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 06:26 PM (IST)
सैकडों की गिनती में किसानों के काफिले दिल्ली रवाना
सैकडों की गिनती में किसानों के काफिले दिल्ली रवाना

जागरण टीम, संगरूर

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संयुक्त किसान मोर्चे की वर्षगांठ व एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर जिला भर से सैकड़ों की गिनती में किसानों ने काफिले के रूप में दिल्ली की तरफ कूच किया। श्री मस्तुआना साहिब से किसानों का काफिला दिल्ली के लिए रवाना हुआ। इसमें बड़ी संख्या में ट्रैक्टर, ट्रालियां, ट्रक व कारें शामिल हुईं।

काफिले की अगुआई कर रहे यूथ विग किरती किसान यूनियन के कनवीनर भूपिदर लौंगोवाल, जिला प्रधान जरनैल सिंह जहांगीर, महिला विग के जिला प्रधान चरनजीत कौर तकीपुर ने कहा कि 26 नवंबर को आंदोलन का एक वर्ष पूरा होगा। किसान बड़ी संख्या में दिल्ली कूच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि कृषि कानून वापसी का एलान हो गया है, लेकिन जब तक एमएसपी की कानूनी गारंटी, मारे गए किसानों को मुआवजा, लखीमपुर घटना के आरोपितों को सजा, बिजली बिल 2020, प्रदूषण संबंधी एक्ट रद नहीं होते संघर्ष जारी रहेगा।

किसानों ने बताया कि आंदोलन के आगामी चरण में 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के समय रोजाना एक हजार किसान ट्रैक्टर ट्रालियों समेत संसद की तरफ मार्च करेंगे। इस मौके जिला कनवीनर जसदीप बहादरपुर, जिला सचिव दर्शन संगरूर, जिला उप प्रधान सुरिदर सिंह, ब्लॉक संगरूर के प्रधान सुखदेव सिंह, ब्लॉक लौंगेावाल के प्रधान जग्गी सिंह आदि मौजूद थे।

उधर, खनौरी में 26 नवंबर को दिल्ली बॉर्डर पर किसानी आंदोलन की सालगिरह को लेकर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की अगुआई में किसानों का काफिला वीरवार को खनौरी बॉर्डर से टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हुआ। किसान महिदर सिंह, जरनैल सिंह, गुरनाम सिंह व सोहन सिंह ने बताया कि कृषि कानून रद करवाने के लिए एक वर्ष का समय किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हो चुका है। आखिरकार संघर्ष की जीत हुई है। जिसकी बदौलत देश के प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि पहल वापस लेने के लिए एलान किया है। आंदोलन की वर्षगांठ पर एक लाख के करीब किसान टिकरी बॉर्डर पर 26 नवंबर को पहुंच रहे हैं। सचिव जगतार सिंह कालाझाड़ ने बताया कि शांति पूर्व संघर्ष की बदौलत मोदी सरकार को झुकना पड़ा है। कानून वापस लेने पड़े। लेकिन जब तक तीनों कानून लिखती रूप से रद नही किए, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।


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