आइसीएआर के डायरेक्टर ने हैप्पीसीडर की प्रदर्शनी देखी
संगरूर पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा धान की पराली को खेत में ही संभालने के लिए चलाई जा रही मुहिम तहत गांव मर्दखेड़ा में हैपी सीडर से गेहूं की बिजाई की लगाई जा रही प्रदर्शनियों का आईसीएआर अटारी जोन-1 लुधियाना के डायरेक्टर डॉ. राजबीर ¨सह ने विशेष तौर पर मुआयना किया।
जागरण संवाददाता, संगरूर : पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा धान की पराली को खेत में ही संभालने के लिए चलाई जा रही मुहिम तहत गांव मर्दखेड़ा में हैपी सीडर से गेहूं की बिजाई की लगाई जा रही प्रदर्शनियों का आइसीएआर अटारी जोन-1 लुधियाना के डायरेक्टर डॉ. राजबीर ¨सह ने विशेष तौर पर मुआयना किया। इस दौरान किसानों से बातचीत करते उन्होंने कहा कि धान की कंबाइन से कटाई के बाद हैपी सीडर मशीन से बिना आग लगाए व खेत को बिना जोते गेहूं की सीधी बिजाई की जा सकती है। हैप्पी सीडर ऐसी मशीन है जिससे एक ही समय धान की पराली को कुतर कर खेत में मिलाने के साथ-साथ गेहूं की सीधी बिजाई की जा सकती है। जिससे समय व डीजल की काफी बचत होती है। किसानों को अधिक से अधिक रकबे पर धान की पराली को खेतों में ही संभालना चाहिए ताकि जमीन की उपजाऊ शक्ति व जैविक गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई कर रहे किसानों की प्रशंसा भी की। सहयोगी निर्देशक कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी डॉ. मनदीप ¨सह ने बताया कि उनके केंद्र के माहिरों की टीम द्वारा विभिन्न गांवों में जाकर किसानों को धान की पराली को आग न लगाने संबंधी प्रेरित किया जा रहा है। गांवों में पराली की संभाल के लिए हैपी सीडर, मलचर, कटर-कम-स्प्रेडर व जीरो ट्रिल मशीनों द्वारा धान की पराली की संभाल की प्रदर्शनियां आयोजित की जा रही हैं। किसानों ने कहा कि हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई समय कोई दिक्कत पेश नहीं आती बल्कि पराली की खाद बनने उपरांत जमीन की सेहत को फायदा पहुंचता है। गांव में इस वर्ष केवीके खेड़ी के सहयोग से 100 एकड़ से अधिक रकबे पर हैपी सीडर से गेहूं की बिजाई हो चुकी है। इस मौके डॉ. सतबीर ¨सह, डॉ. पवन कुमार, करुण शर्मा, गुर¨जदर ¨सह, रोजी नंबरदार, अवतार ¨सह, रमनदीप ¨सह, जगजीत ¨सह, मेजर ¨सह आदि उपस्थित थे।