सरकारी गोशाला झनेड़ी में गोवंश से भरे ट्रक को वापस भेजा
संगरूर नगर कौंसिल द्वारा शहर को बेसहारा पशु मुक्त बनाने की चलाई मुहिम को धक्का
संवाद सहयोगी, लहरागागा (संगरूर) : नगर कौंसिल द्वारा शहर को बेसहारा पशु मुक्त बनाने की चलाई मुहिम को उस समय ब्रेक लग गए जब लहरागागा से संगरूर की झनेड़ी गोशाला में पहुंचाए गए बेसहारा पशुओं से भरे एक ट्रक को संबंधित मैनेजर ने यह कहकर वापस भेज दिया कि उनके पास और जगह नहीं है। लंबे समय तक ट्रक में बंद रहने के कारण एक बेसहारा पशु की मौत हो गई व कुछ गंभीर हालत में मिले। झनेड़ी की सरकारी गोशाला के मैनेजर के कथित अड़ियल रवैये के कारण ट्रक में भरे बेसहारा पशुओं को दोबारा वापस लाया गया। पशु पकड़ने की मुहिम की अगुआई कर रहे हरी राम ने अपने साथियों सहित पशुओं को ट्रक से उतारा। इसमें कई पशुओं की हालत दयनीय थी व तुरंत डॉक्टरों की टीम को बुलाकर घायल पशुओं का इलाज शुरु किया गया। एक घायल पशु को शहर की गोशाला भेजा गया जहां उसकी मौत हो गई। मौके पर जाकर देखा तो वहां बेसहारा पशु तड़प रहे थे व डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। लोगों ने कहा कि यदि बेसहारा पशुओं को समय रहते गोशाला में ही उतार लिया गया होता तो पशुओं की यह हालत न होती। ट्रक वापस भेजना गलत: हरी राम
हरी राम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके चार ट्रक बेसहारा पशुओं के शहर में भेजे थे। 3 ट्रक उतार लिए गए, कितु एक ट्रक को वापस भेज दिया गया। बार-बार कहने पर भी वहां मौजूद मैनेजर ने बेसहारा पशुओं को ट्रक से उतारने से इंकार कर दिया। यह मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में भी लाया गया, कितु कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण वह पशुओं से भरा ट्रक वापस ले आए, जब पशुओं को ट्रक से उतारा गया तो उनमें से कईयों की हालत खराब थी। उन्होंने कहा कि वह प्रशासन के आदेशों पर ही उक्त मुहिम चला रहे हैं व फिलहाल इस मुहिम को उन्होंने बंद कर दिया है। जब प्रशासन का आदेश होगा व उन्हें पूर्ण विश्वास दिलाया जाएगा कि पकड़े गए बेसहारा पशुओं को उतारने के योग्य प्रबंध किए जाएंगे, तब ही वह दोबारा इस मुहिम का हिस्सा बनेंगे। अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
जब एसडीएम सूबा सिंह व पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर से बात की गई तो उन्होंने इस संबंधी अज्ञानता प्रकट करते कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं। पशु पालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि वह केवल सदस्य हैं, डीसी से इस संबंधी बात करें, वह इसके जवाबदेह हैं। ऐसे में साफ है कि अधिकारी भी इस मसले पर अपना पल्ला झाड़कर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।