Sangrur News: खतरे के निशान करीब घग्गर, दिन रात पहरा दे रहे किसान, प्रशासन की बढ़ी परेशानी
संगरूर के मूनक क्षेत्र के नजदीक निकलने वाली घग्गर नदी अपने खतरे के निशान से आधा फीट नीचे बह रही है। किसान इस बात को लेकर परेशान हैं क्योंकि मानसून के समय घग्गर का जलस्तर 742 फीट से नहीं बढ़ा था।
संवाद सूत्र, लहरागागा (संगरूर)। मूनक क्षेत्र के नजदीक निकलने वाली घग्गर नदी अपने खतरे के निशान से आधा फीट नीचे बह रही है। आसपास के किसान डर के साए में रात बिता रहे हैं। वह घग्गर के किनारे पहरा दे रहे हैं क्योंकि धान की फसल पककर बिल्कुल तैयार है। प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हिमाचल प्रदेश से आने वाली घग्गर नदी का जलस्तर 746.3 पर है, जबकि खतरे का निशान 747 फ़ीट पर है। किसान इस बात को लेकर परेशान हैं, क्योंकि मानसून के समय घग्गर का जलस्तर 742 फीट से नहीं बढ़ा था।
अब पानी इतना ज्यादा बढ़ चुका है, जिसके चलते किसानों में डर है। प्रशासन द्वारा मौके पर जेसीबी भी बंदोबस्त कर दिया गया है, ताकि अगर पानी का स्तर बढ़ने पर कहीं किनारों में दरार आती है तो तुरंत स्थिति को संभाला जा सके। किसान ज्ञान सिंह ने बताया कि आसपास के किसानों में सहम का माहौल हौ। घग्गर पर किसान पहरा दे रहे हैं। दिन-रात को भी उऩकी जान मुट्ठी में आ चुकी है, क्योंकि फसल पककर बिल्कुल तैयार है व पहले कभी ऐसे मौसम में घग्गर में पानी का स्तर इतना नहीं बढ़ा, लेकिन प्रशासन अलर्ट पर है।
इलाके के विधायक मौके पर आ चुके हैं जहां पर तीन जेसीबी भी खड़ी कर दी गई हैं लेकिन पीछे से पानी का बहाव बहुत तेज है। किसान प्रेम सिंह ने कहा कि रात को नींद नहीं आ रही। पहली बार हुआ है कि जब धान की फसल पक रही हो व घग्गर में पानी का स्तर इतना बढ़ा हो। फसलें पककर बिल्कुल तैयार हैं। अगर कहीं भी दरार आ गई तो फसल बर्बाद हो जाएंगी। इस मौसम में बरसात होने से पानी का स्तर बढ़ा है। प्रशासन ने पूरे इंतजाम कर रखे हैं, जो जरूरत का सामान है वह पहुंचा दिया गया है। घग्गर का स्थायी हल होना चाहिए, ताकि हर वर्ष किसानों का होने वाला नुकसान बच सके।
पहली बार बने ऐसे हालात, प्रशासन मुस्तैद : विधायक गोयल
आम आदमी पार्टी के विधायक बरिंदर गोयल ने बताया कि घग्गर नदी का पानी का स्तर 746.3 पर है, जबकि खतरे का निशान 747 फीट पर है। पिछले 8 घंटे से पानी का स्तर यहीं पर है। प्रशासन को अलर्ट पर रखा हुआ है, जो जरूरत का सामान है वह मौके पर पहुंचा दिया गया है। जेसीबी खड़ी कर दी गई हैं व किनारों पर नजर रखी जा रही है। मिट्टी के बोरों का इंतजाम कर लिया गया है। इस बार धान के मौसम के दौरान पहली बार ऐसे हालात बने हैं। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है, फसलों का कोई नुकसान नहीं होने देंगे। इससे पहले भी समय रहते घग्गर नदी की सफाई करवा दी थी।