पकड़ा गया 2000 के जाली नोट बनाने वाला गिरोह, लाखों की जाली करंसी बरामद
पुलिस ने साढ़े चार लाख के 2000 के नकली नोटों सहित चार युवकों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने पूछताछ में बताया कि वह लाखों की कीमत के यह नोट मार्केट में पहुंचा भी चुके हैं।
जेएनएन, संगरूर। पुलिस ने 2000 व 100 रुपये के जाली नोट तैयार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। भवानीगढ़ पुलिस ने नाकाबंदी दौरान एक कार में चार युवकों से 100 व 2000 के जाली नोटों की 4 लाख 15 हजार रुपये की करंसी बरामद की। यह गिरोह पहले भी 100, 500 व 1000 रुपये के नोट जाली तैयार करता था। अब नोटबंदी के बाद उन्होंने 2000 का नकली नोट भी बना दिया। वह लाखों की कीमत के यह नोट मार्केट में पहुंचा भी चुके हैं।
एसएसपी प्रितपाल सिंह थिंद ने बताया कि थाना भवानीगढ़ के एसएचओ गुरप्रीत सिंह ने पुलिस पार्टी के साथ मिलकर टी-प्वाइंट रामपुरा नजदीक नाकाबंदी दी। इस दौरान पुलिस ने सामने से आती एक कार को रोका। पुलिस ने कार की तलाशी ली तो कार में से 2000 व 100 रुपये की जाली करंसी देखकर पुलिस ने पूछताछ की। कार में से 2000 नोट की 4 लाख व 100 रुपये के 15 हजार की करंसी बरामद की गई।
कार सवार हरभजन दास निवासी बलियाल, जसवीर सिंह जस्सी निवासी भवानीगढ़, जयदेव उर्फ जज्जी निवासी संगरूर व भगवान दास उर्फ भलवान निवासी संगरूर को काबू कर लिया। इसके बाद पुलिस ने उनकी निशानदेही पर उनके पास से जाली नोट तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्कैनर, प्रिंटर व अन्य सामान बरामद किया। पुलिस ने नकदी कब्जे में लेकर उक्त चारों को गिरफ्तार कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी।
साधारण पेपर पर स्कैनर व प्रिंटर से छापते थे नोट
काला धन निकालने व जाली नोट तैयार करने पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से ही बेशक नोटबंदी का फैसला लिया गया था, लेकिन बेहद ही आसानी से 2000 रुपये के जाली नोट तैयार करने के तरीके से पुलिस भी सकते में हैं। गिरोह ने बताया कि वह 2000 रुपये के असली नोट को स्कैनर की मदद से स्कैन करते थे। इसके बाद साधारण पेपर पर भी इनकी कापी निकालते थे। पेज पर कलर प्रिंटर की मदद से नोट छापकर इनकी बड़ी ही सावधानी से कटिंग की जाती थी, ताकि किसी प्रकार से जाली नोट की पहचान न हो पाए।
एक ही सीरियल नंबर के कई-कई नोट
पुलिस ने खुलासा किया कि गिरोह से बरामद हुए जाली नोटों में एक ही सीरियल नंबर के कई-कई नोट छापे गए हैं। नोट को स्कैन करके उनकी उनकी कई कापियां तैयार कर दी जाती थी। जाली नोट की प्रिंटिंग में किसी प्रकार की खामी नहीं दिखाई दे रही है, जबकि पेपर क्वालिटी से ही नोट जाली लगता है। संगरूर से ही नोटबंदी के कुछ दिन बाद ही बाजार में 2 हजार रुपये का जाली नोट सामने आ गया था। पुलिस उसी समय से इस गिरोह की तलाश में जुटी हुई थी।
जाली नकदी तैयार करके इन्हें करते थे सप्लाई
प्राथमिक जांच व पूछताछ दौरान सामने आया कि उक्त गिरोह के सदस्य खुद ही जाली करंसी तैयार करते थे। इसके बाद इस नकदी को बाजार में उतारने के लिए अलग-अलग लोगों का सहारा लेते थे। उक्त गिरोह यह जाली करंसी गुलशन कुमार व राजेश शर्मा निवासी संगरूर, बग्गा निवासी चीका, प्रेम व बृजेश निवासी धनास चंडीगढ़, विजय कुमार निवासी मंगवाल को देते थे। यह व्यक्ति उक्त गिरोह से पिछले समय दौरा काफी जाली करंसी ले चुके हैं व बाजारों में इन्हें चला चुके हैं। पुलिस ने इन्हें भी मामले में नामजद करके उनकी तलाश शुरू कर दी है।
आधे रेट पर देते थे जाली करंसी
गिरोह के उक्त सदस्य जाली करंसी आधे रेट पर सप्लाई करते थे। 50 हजार की असली करंसी के बदले 1 लाख रुपये दिए जाते थे। एसएसपी थिंद ने बताया कि पुछताछ दौरान गिरोह के सदस्यों ने बताया है कि वह जाली करंसी के बदले में आधी रकम लेते थे। 20 हजार रुपये में 40 हजार, 30 हजार रुपये में 60 हजार व 50 हजार रुपये में 1 लाख रुपये जाली देते थे। यह लोग अब तक कितनी 2000 रुपये की नकली करंसी बाजार में चला चुके हैंं, इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है।
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