पराली के धुंए का कहर, वाहनों की हेड लाइटों के सहारे शहर
पराली के धुएं के कारण आम जनजीवन बहुत प्रभावित हो गया है। जहां पराली का धुआं होने के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी व आंखों में जलन हो रही है, वहीं आम लोगों को घरों में ही रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्योंकि धुएं के कारण बच्चों व बुजुर्गों को काफी परेशानी होती है। इससे यातायात भी बुरा तरह से प्रभावित हुआ। दिन में ही लोगों को गंतव्य तक जाने के लिए गाड़ियां की हेड लाइटों का सहारा लेना पड़ा। दूसरी तरफ मौसम में आई अचानक तबदीली ने किसानों को ¨चता में डाल दिया है।
संवाद सूत्र, हंडिआया, बरनाला : पराली के धुएं के कारण आम जनजीवन बहुत प्रभावित हो गया है। जहां पराली का धुआं होने के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी व आंखों में जलन हो रही है, वहीं आम लोगों को घरों में ही रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्योंकि धुएं के कारण बच्चों व बुजुर्गों को काफी परेशानी होती है। इससे यातायात भी बुरा तरह से प्रभावित हुआ। दिन में ही लोगों को गंतव्य तक जाने के लिए गाड़ियां की हेड लाइटों का सहारा लेना पड़ा। दूसरी तरफ मौसम में आई अचानक तबदीली ने किसानों को ¨चता में डाल दिया है। किसान हरपाल ¨सह ढिल्लों, काला ¨सह, सुखदेव ¨सह सुखी, देव ¨सह, रणधीर ¨सह, रणजीत ¨सह, कुलदीप ¨सह आदि ने बताया कि मौसम ठंडा होने के कारण धान में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी। जिस कारण मंडियों में परेशान होने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सर्दी शुरू होने के कारण जो खेतों में धान की फसल काटने वाली है। उसकी जड़ें कमजोर हो चुकी हैं। अगर वह गीला धान की फसल काट कर मंडी में लेकर जाते है, तो तय नमी की मात्रा से कहीं ज्यादा नमी वाला होगा। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा पनीरी की बिजाई को लेट करना है। जिस कारण बिजाई पिछड़ी है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। हर बार की तरह इस बार भी किसानों की दीवाली फीकी पड़ती नजर आ रही है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि नमी में छूट देकर किसानों को सहयोग दिया जाए।