किसानों को भाने लगा नरमा व मक्का
बरनाला धरती निचले पानी की समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग कर रहा सराहनीय काम।
जागरण संवाददाता, बरनाला : धरती निचले पानी की समस्या के समाधान के लिए कृषि व किसान भलाई विभाग बरनाला द्वारा डीसी तेज प्रताप सिंह फूलका के दिशा-निर्देश के अनुसार किसानों के साथ मीटिग करके उनको धान की फसल छोड़ कर मक्के व नरमे की फसल की तरफ कदम बढ़ाने की जा रही कोशिशें सफल होने लगी है। मुख्य कृषि अफसर डॉक्टर बलदेव सिंह ने बताया कि बरनाला जिले के ब्लाक डार्क जोन में आ चुके हैं। इस समस्या के बारे किसानों को अवगत करवाने पर किसान नरमे-मक्के की फसल बीजने की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। इस कदम के साथ कोरोना महामारी के कारण धान की फसल लगाने के लिए आ रही लेबर की समस्या का भी हल होता है। उन्होंने कहा कि इस समय बरनाला जिले के ज्यादातर किसान नरमा-मक्का बीज रहे हैं व कृषि विभाग द्वारा ऐसे किसानों के साथ संबंध कायम कर लगातार उनकी हौसला अफजाई भी की जा रही है। उनको भरोसा दिलाया जा रहा है कि अगर उनको कोई समस्या आती है तो उसका हल करने की हर संभव कोशिश की जाती है। उन्होंने बताया कि इस सीजन में अब तक जिले में नरमे नीचे 1162 हेक्टेयर व मक्के के नीचे 1246 हेक्टेयर क्षेत्रफल आ चुका है। उन्होंने बताया कि जहां नरमे का रुझान बढ़ा है, वहीं जिले में मक्के की काश्त नीचे क्षेत्रफल विगत वर्ष की अपेक्षा तेजी से बढ़ा है, जो फसली विभिन्नता का सबूत है।
इसके तहत मुख्य कृषि अफसर बरनाला द्वारा गांव हरीगढ़ में किसान दर्शन सिंह के खेत का दौरा किया गया, जिसने धान की फसल छोड़ कर 2 एकड़ में नरमे की फसल बीजी गई, इसके अलावा गांव कट्टू व ठीकरीवाल आदि गांवों का दौरा किया गया। नरमे की फसल की हालत बहुत अच्छी है। मुख्य कृषि अफसर बरनाला ने किसानों से अपील की कि जो किसान नरमे की फसल बीज रहे हैं, वह पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना द्वारा प्रमाणित किस्मों के बीज ही खरीदे व खरीदने समय पक्का बिल जरूर ले व इसको संभाल कर रखे, अगर किसी प्रकार की कोई समस्या आती है तो अपने ब्लाक के कृषि अफसर के साथ संबंध कायम किया जाएं।