30 दिन में 57 किसानों ने की आत्महत्या : बीकेयू
संवाद सहयोगी, सुनाम (संगरूर) : आर्थिक तंगी के चलते पंजाब में किसानों व मजदूरों द्वारा आत्महत्
संवाद सहयोगी, सुनाम (संगरूर) :
आर्थिक तंगी के चलते पंजाब में किसानों व मजदूरों द्वारा आत्महत्या करने का आंकडा लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले तीस दिनों के भीतर पंजाब में 57 किसानों व मजदूरों द्वारा मौत को गले लगाने के आंकड़ों ने किसान संगठनों को भी हैरत में डाल दिया है। दूसरा पहलू यह भी है कि पंजाब सरकार द्वारा कर्ज माफी की घोषणा के बावजूद किसान व मजदूर द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां हर माह किसान व मजदूर की खुदकुशी के आंकडे जारी कर रही है। यूनियन द्वारा जारी सूची में दावा किया गया है कि पिछले तीस दिनों के भीतर पंजाब में 57 किसान व मजदूर आर्थिक तंगी के कारण मौत के आगोश में समा गए हैं। किसानों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है। इससे पहले यूनियन ने जुलाई माह में 38 किसानों, अगस्त माह में 47 किसानों और सितंबर माह 50 किसानों द्वारा आत्महत्या करने का दावा किया था। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जो¨गदर ¨सह उग्राहां तथा जिला सचिव दरबारा ¨सह छाजला ने कहा कि किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान व मजदूर मौत को गले लगा रहे हैं। सरकार को अपने वायदे के मुताबिक किसानों का सारा कर्ज तुरंत माफ करना चाहिए।
पूर्व वित्त मंत्री पर¨मदर ¨सह ढींडसा ने कहा कि कांग्रेस सरकार, किसानों के साथ खुलेआम धोखा कर रही है। कांग्रेस ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर सभी किसानों का कर्ज माफ होगा। अब सरकार, पंजाब के सभी किसानों का कर्ज माफ करे। कर्ज माफ करने की घोषणाएं मात्र छलावा है, और घोषणाओं से किसानों का भला नहीं होने वाला है। सरकार अपने वायदों को पूरा करे।