एक सौ तीस दिनों में डेढ सौ किसानों ने लगाया मौत को गले
सुशील कांसल, सुनाम (संगरूर) पंजाब में पिछले एक सौ तीस दिनों में डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों ने
सुशील कांसल, सुनाम (संगरूर)
पंजाब में पिछले एक सौ तीस दिनों में डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों ने खुदकशी की है। किसानों द्वारा आत्महत्या करने के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो आभास होता है कि प्रदेश व केंद्र की सियासत में दमखम दिखाने वाले सियासी नेताओं के हलकों के किसान, कर्ज से बेहद परेशान हैं। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, वित्त मंत्री मनप्रीत ¨सह बादल के हलकों के किसान ज्यादा दुखी हैं। आप के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान के संसदीय क्षेत्र संगरूर के किसान भी कर्ज से खासे परेशान दिखाई दे रहे हैं। पंजाब के मालवा क्षेत्र के ज्यादातर किसानों ने मौत को गले लगाया है। किसानों के आत्महत्या करने का उक्त दावा पंजाब में सक्रिय भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां ने किया है। हालांकि यूनियन का दावा है कि यदि गहराई से जांच की जाए तो किसान आत्महत्या का आंकडा दो सौ के पार होगा।
वीरवार को भाकियू एकता उग्राहां ने एक अप्रैल से लेकर सात अगस्त तक पंजाब में आर्थिक तंगी के चलते किसानों द्वारा आत्महत्या करने की सूची जारी की है। यूनियन के प्रतिनिधि सुखपाल ¨सह माणक द्वारा जारी सूची के मुताबिक ब¨ठडा व मानसा के 50 किसानों ने पिछले चार माह में आत्महत्या की है। संगरूर व बरनाला के चालीस से ज्यादा किसानों ने मौत को गले लगाया है। इसके अलावा फतेहगढ साहिब, पटियाला, लुधियाना, फरीदकोट, मुक्तसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, तरनतारन आदि जिलों के किसान भी खुद को मौत के हवाले कर रहे हैं। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जो¨गदर ¨सह उग्राहां ने कहा कि सरकार की ओर से अस्सी किसानों द्वारा आत्महत्या करने सबंधी दावा किया गया था जबकि उक्त दावा सच्चाई से कोसों दूर है। पंजाब में पिछले चार माह में दो सौ से ज्यादा किसान, मौत के आगोश में समां चुके हैं। कुछ मामले तो सामने भी नहीं आते हैं। उन्होंने किसानों के इस नाजुक हालात के लिए केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते कहा कि सरकार, खेती को लाभदायक धंधा बनाए और किसानों का कर्ज माफ करे।