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छह डिग्री तापमान में दिन-रात डटे रहे किसान

न्यूनतम छह डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच भी जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के समक्ष किसानों का अपने हकों की खातिर पक्का मोर्चा दिन रात जारी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Dec 2021 04:34 PM (IST)Updated: Sun, 26 Dec 2021 04:34 PM (IST)
छह डिग्री तापमान में दिन-रात डटे रहे किसान
छह डिग्री तापमान में दिन-रात डटे रहे किसान

जागरण संवाददाता, संगरूर

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न्यूनतम छह डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच भी जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के समक्ष किसानों का अपने हकों की खातिर पक्का मोर्चा दिन रात जारी है। रविवार को कड़कती ठंड के बीच भी किसान धरने पर डटे रहे। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं बढ़-चढ़कर किसानी हकों की खातिर संघर्ष में सहयोग दे रही हैं। छठे दिन भी किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ धरने में जमकर भड़ास निकाला तथा उनकी मांगों पर जताई सहमति के बाद जल्द से जल्द इन्हें लागू करने की मांग की। तीस दिसंबर को सरकार से दोबारा बैठक होगी। अगर तब तक मांगों को अमलीजामा न पहनाया तो संघर्ष की रूपरेखा को तेज किया जाएगा। साथ ही भाकियू उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिदर सिंह उगराहां ने किसानों को किसानी मांगों की तरफ ध्यान केंद्रीय करने का आह्वान करते हुए संयुक्त समाज मोर्चे द्वारा किए गए चुनाव लड़ने के एलान के चलते वोट का राजनीति में उलझने के गुरेज करने को कहा।

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां का धरना डीसी द़फ्तर संगरूर में छठे दिन भी जारी रहा। धरने दौरान जिला प्रधान अमरीक सिंह गंढुआ व जिला महासचिव दरबारा सिंह छाजला ने संबोधन करते कहा कि कांग्रेस की सरकार ने किसानों व मजदूरों से जो वादे किए थे उनमें से किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। लंबे संघर्ष के बाद घटिया बीज कारण गुलाबी सूंडी के कारण बर्बाद हुई किसानों की नरमे की फसल के हुए नुकसान 17,000 रुपये मुआवजा व मजदूरों को 10 फीसदी हिस्सा देने की मांग पर स्वीकृति देने के बाद भी यह केवल ऐलान ही रहा। उसे सरकार की तरफ से अमलीजामा नहीं पहनाया गया। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले किसानों का सारा कर्•ा माफ करने, घर घर रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन पांच वर्ष का कार्यकाल पूरे होने पर भी वादा नही निभाया। अब सरकार के चंद दिन बाकी रह गए हैं व किसी भी समय चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है, जिसका इंतजार कांग्रेस सरकार कर रही है। कितु किसान अपने हकों की खातिर सरकार खिलाफ कड़े संघर्ष की रूपरेखा से आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने आत्महत्या कर चुके किसान के पीड़ित परिवारों को तीन लाख का मुआव•ा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, सरकारी व गैरसरकारी कर्ज माफ करने की मांग की। किसानों को 360 रुपए गन्ने का रेट देने का एलान किया गया, परन्तु अभी भी किसी किसान को गन्ने की यह रकम की अदायगी नहीं हुई। किसान नेता अजैब सिंह लक्खोवाल, सुखजीत सिंह, बहादुर सिंह भुटाल, जसवीर कौर, कृपाल धुरी, बलवीर सिंह कौहरियां, हरपाल सिंह पेदनी, अजैब सिंह जखेपल, गोबिदर सिंह मंगवाल उपस्थित थे।


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