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धरना स्थल पर ही किसानों ने मनाया नया साल, की नारेबाजी

कृषि कानूनों के विरोध में पिछले तीन माह से चल रहा किसानों का पक्का धरना लगाया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 06:05 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 10:20 PM (IST)
धरना स्थल पर ही किसानों ने मनाया नया साल, की नारेबाजी
धरना स्थल पर ही किसानों ने मनाया नया साल, की नारेबाजी

जागरण टीम, संगरूर : कृषि कानूनों के विरोध में पिछले तीन माह से चल रहा किसानों का पक्का मोर्चा नववर्ष में भी जारी रहे। शुक्रवार को स्थानीय रेलवे स्टेशन के बाहर चल रहा किसान संगठनों का पक्का रोष धरना 93वें दिन में प्रवेश कर गया। इसमें विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं निरंजन सिंह, निर्मल सिंह, हरमेल सिंह व सरबजीत सिंह ने कहा कि हालांकि केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये के कारण दिल्ली मोर्चा लंबा होता जा रहा है, लेकिन जीत के दिन नजदीक हैं। किसान, नौजवान, बुजुर्ग, महिलाएं व अन्य संगठन कड़ाके की ठंड में सरकार के खिलाफ डटे हुए हैं। जब तक काले कानून रद नहीं होते वह वापस घर नहीं लौटेंगे। इस अवसर पर किसान नेताओं के अलावा बुजुर्ग, महिलाएं व नौजवान उपस्थित थे। लहरागागा में भाकियू एकता उगराहां के ब्लॉक प्रधान धरमिदर सिंह पिशौर के नेतृत्व में लगे धरने को तीन महीने पूरे होने पर धरने में कैंपों के जरिए सेवाएं निभा रहे मेडिकल प्रैक्टीशनर्स एसोसिएशन पंजाब ब्लॉक लहरा के सभी डाक्टरों को सम्मानित किया गया।

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इस मौके प्रधान पिशौर ने कहा कि केंद्र सरकार की अड़ियल नीति के कारण किसान, नौजवान, बुजुर्ग कड़कती ठंड में प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। ऐसे में रोजाना कोई न कोई मेडिकल परेशानी होती रहती है। लेकिन यह मेडिकल कैंप उनके लिए वरदान साबित हो रहे हैं। जिससे स्थिति को मौके पर संभाल लिया जाता है। उनके द्वारा एसोसिएशन का विशेष तौर पर किसानों का साथ देने हेतु धन्यवाद किया गया। वहीं डाक्टरों द्वारा आश्वासन दिया गया कि वह संघर्ष समाप्त होने तक धरने में अपनी हाजिरी लगाएंगे। इस मौके बहादर सिंह, हरजिदर सिंह, बलजीत सिंह, बिदर सिंह, बलविदर सिंह, रामचंद सिंह, जगसीर सिंह आदि उपस्थित थे। दिड़बा में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के ब्लाक नेता गुरमेल सिंह कैंपर के नेतृत्व में लगा धरना 93वें दिन भी जारी रहा। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, नौजवान व किसान शामिल हुए। इस मौके किसान नेता जरनैल सिंह, सुरिदर सिंह, कुलदीप सिंह आदि ने कहा कि केंद्र सरकार ने दो मांगो पर अपनी सहमति दे दी है। लेकिन असल मुद्दे से अभी भी हाथ पीछे खींचे जा रहे हैं। परन्तु जब तक तीनों कानूनों को पूरी तरह से रद्द कर किसानों को पक्का सबूत नहीं दिया जाता तब तक मार्च जारी रहेगा। उन्होंने मोदी सरकार से अपील की कि काले कानून तुरंत रद कर किसानों को कड़कती ठंड से निजात देकर वापस परिवार के पास भेजा जाए। ताकि उनकी देखभाल की जा सके। इस मौके बलवंत सिंह, निर्मल सिंह, सुखविदर सिंह, जट्टा सिंह आदि उपस्थित थे।


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