Stubble management: किसानों में बढ़ा पराली की गांठें बनाने का रुझान, तेजी से साथ जुड़ रहे किसान
मस्तुआना साहिब के पराली बैंक में भी किसानों ने पराली जमा करवाना शुरू कर दिया है। किसानों के इस प्रयास की सभी सराहना कर रहे हैं।
संगरूर [मनदीप कुमार]। दैनिक जागरण के 'पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे' अभियान के तहत पराली प्रबंधन के लिए संगरूर के किसानों ने कमर कस ली है। साइंटिफिक अवेयरनेस एंड सोशल वेलफेयर की प्रेरणा से किसान पराली की गांठें बनाने में जुट गए हैं। हर दिन किसानों की संख्या बढ़ रही है। किसान पराली की गांठें बनाकर आसपास की गोशालाओं में पहुंचाने लगे हैं। उन्होंने नजदीकी गांव झनेड़ी की गोशाला में दो हजार क्विंटल पराली पहुंचाना शुरू कर दिया है। शनिवार तक किसानों ने 700 क्विंटल पराली गोशाला में पहुंचा दी है। अगले कुछ दिन में दो हजार क्विंटल पराली का स्टॉक गोशाला में जमा करवा दिया जाएगा।
इसके अलावा मस्तुआना साहिब के पराली बैंक में भी किसानों ने पराली जमा करवाना शुरू कर दिया है। किसानों के इस प्रयास की खेतीबाड़ी विभाग व जिला प्रशासन की ओर से भी भरपूर प्रशंसा की जा रही है। अन्य किसानों को भी प्रेरणा लेकर पराली प्रबंधन के लिए प्रेऱित किया जा रहा है। नजदीकी गांव रोशनसिंहवाला के किसान टहल सिंह ने दस एकड़, भलवान के कर्मजीत सिंह ने दस एकड़, मस्तुआना साहिब की अकाल कॉलेज कौंसिल ट्रस्ट ने 40 एकड, धूरी-संगरूर रोड पर किसान मोहम्मद सफी ने दस एकड़, कुलार खुर्द के किसान ने चार एकड़ पराली की गांठें बनाकर गोशाला के लिए भेजनी शुरू कर दी हैं।
1000 क्विंटल से बढाकर डिमांड की दो हजार क्विंटल
साइंटिफिक अवेयरनेस एंड सोशल वेलफेयर फोरम के प्रधान डॉ. एएस मान ने बताया कि वातावरण प्रेमी स्वामी अमृतानंद गोवर्धन मथुरा की प्रेरणा से शुरू किए गए प्रोजेक्ट के सार्थक परिमाण सामने आ रहे हैं। पहले प्रशासन की अोर से झनेड़ी की गोशाला के लिए एक हजार क्विंटल पराली की मांग की गई थी। इसे अब बढ़ाकर दो हजार क्विंटल कर दिया गया है। डिप्टी कमिश्नर संगरूर घनश्याम थोरी ने सौ रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर एक हजार क्विंटल की डिमांड की है। इस मांग अनुसार किसान तेजी से अपनी पराली की गांठें बनाकर गोशाला में पहुंचाने के लिए आगे आ रहे हैं।
डीसी बोले - गोशालाओं की जरूरत होगी पूरी
डिप्टी कमिश्नर ने पराली प्रबंधन में किसानों के सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अन्य किसान भी इसके लिए अपना सहयोग देने के लिए आगे आएं और पराली अपने आसपास की गोशालाओं तक पहुंचाए ताकि चारे की बड़ी समस्या का समाधान किया जा सके। डीसी ने कहा कि गोशालाओं में पशुओं की खुराक का प्रबंध करना सबसे बड़ी समस्या है,जिसका हल पराली से किया जा सकता है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें