किसान ने दिखाई धान की सीधी बिजाई की राह
दिड़बा (संगरूर) कोरोना महामारी में जहां एक तरफ लेबर की किल्लत का किसानों को सामना करना पड़ रहा है।
हरमेश मेशी, दिड़बा (संगरूर)
कोरोना महामारी में जहां एक तरफ मजदूरों की कमी का किसानों को सामना करना पड़ रहा है, वहीं गिरते भूजल के कारण किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए अधिक तवज्जो देना चाहिए। सीधी बिजाई करने वाली मशीनों की कीमत अधिक होने के कारण हर किसान यह मशीनें खरीदने में सक्षम नहीं है, लेकिन दिड़बा के गांव लाड़बंजारा के एक किसान ने देसी जुगाड़ के माध्यम से मात्र 850 रुपये खर्च करके धान की सीधी बिजाई करने वाली तकनीक तैयार की है, जबकि सीधी बिजाई के लिए मशीन की कीमत 80 हजार रुपये के करीब है।
जीरो ड्रिल मशीन से मनाई सीधी की मशीन
गांव लाडबंजारा के किसान सुखचैन सिंह ने जीरो ड्रिल मशीन पर देसी जुगाड़ लगाकर केवल 850 रुपये में धान की सीधी बिजाई करने वाली मशीन तैयार की है। इसका खेती विरासत मिशन की टीम द्वारा किसान के घर जाकर निरीक्षण किया गया। किसान सुखचैन सिंह ने बताया कि सीधी बिजाई वाली बड़ी महंगी मशीनें लेना हर एक किसान की क्षमता में नहीं है। उन्होंने जीरो ड्रिल मशीन में दो लोहे की गरारियां लगाई है, जिसके माध्यम से मशीन के चक्कर उलटे चलने लगे हैं व अब इससे धान की बिजाई की जा सकती है और इससे धान सीधी बिजाई होती है। साथ ही बीज टूटने की समस्या भी पेश नहीं आती है। अपने चार एकड़ जमीन पर सीधी बिजाई
किसान सुखचैन सिंह ने बताया कि उसके द्वारा तैयार की गई जीरो ड्रिल मशीन के माध्यम से चार एकड़ जमीन पर धान की सीधी बिजाई की है। साथ ही मशीन में कुछ और तकनीक बदलाव किए हैं, ताकि बिजाई करने में कोई समस्या पेश न आए। देसी जुगाड़ से तैयार की यह मशीन पांच किलो बीज डालती है। इस मशीन से उसने अपनी चार एकड़ जमीन में धान की सीधी बिजाई की है। मशीन के माध्यम से धान की क्यारियों में नौ इंच का फासला रखा गया है। 1535 बीज एक क्यारी में बीजी गई है, जिसमें से कोई भी बीज टूटा नहीं है। सुखचैन ने बताया कि अधिकतर मशीनों में बिजाई के समय बीज टूटने की समस्या का किसानों को सामना करना पड़ता है, लेकिन उनके द्वारा तैयार की गई मशीन में उलटी चैन घूमने से चक्कर उल्टे बनाए गए हैं, जिससे बीज टूटने की समस्या खत्म हो गई है। सीधी बिजाई को तवज्जो दें किसान
सुखचैन सिंह ने किसानों से अपील की कि धान की सीधी बिजाई को अधिक तवज्जो दें। जिन किसानों के पास जीरो ड्रिल मशीन है वह ऐसे आसान तरीके से धान की बिजाई के योग्य मशीन बना सकते हैं व इससे किसानों का आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा। किसानों को अधिक महंगी मशीनें खरीदने से असमर्थ होने के कारण निराश होने की जरूरत नहीं है, सीधी बिजाई के लिए मशीन का सहारा लें व कम से कम लागत में सीधी बिजाई को अपनाकर खेती लागत को कम करें। किसान के प्रयास को सराहा, सफल रहा प्रयास
खेती विरासत मिशन के सदस्य हरदीप सिंह जनाल, बलवीर सिंह व कुलविदर सिंह नाडू ने कहा कि मशीन छोटे किसानों के लिए बेहतर साबित होगी, क्योंकि इस समय पंजाब में लेबर की कमी है। कुछ चुनिदा बड़े किसानों को छोड़कर छोटे किसान महंगी मशीनें नहीं खरीद सकते हैं। ऐसे में किसानों को सीधी बिजाई के लिए ऐसी मशीन का सहारा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेत में बिजाई के समय उन्होंने मशीन से सीधी बिजाई की जांच की, जिसमें उक्त मशीन से बीजी धान की फसल का प्रशिक्षण पूरी तरह से सफल रहा। किसान सुखचैन सिंह के प्रयास ने किसानों के लिए नई उम्मीद जगाई है।