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जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के समक्ष धरने पर डटे किसान, लाचार प्रशासन, बेबस व्यवस्था

किसानों ने पेट्रोल पंप पर धरने के दौरान हार्ट अटैक से नौ अक्टूबर को गांव नागरी के किसान मेघराज बावा की हुई मौ के बाद परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

By Edited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 05:52 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:34 AM (IST)
जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के समक्ष धरने पर डटे किसान, लाचार प्रशासन, बेबस व्यवस्था
सोमवार को डीसी, एडीसी, एसडीएम, आरटीओ सहित विभागों के मुलाजिम जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में दाखिल नहीं हो सके।

संगरूर, जेएनएन। बेनड़ा के पेट्रोल पंप पर धरने के दौरान हार्ट अटैक से नौ अक्टूबर को गांव नागरी के किसान मेघराज बावा की हुई मौ के बाद परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा, एक परिजन को सरकारी नौकरी की मांग को लेकर जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स का भाकियू उगराहां सोमवार को पूरी तरह से घेराव किया दो दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को चौथे दिन भी डीसी, एडीसी, एसडीएम, आरटीओ सहित दो दर्जन विभागों के चार सौ से अधिक मुलाजिम जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में दाखिल नहीं हो सके।

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किसानों ने संघर्ष को तेज करते हुए जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के भीतर जाने के हर गेट व छोटे रास्तों को भी बंद कर दिया, जिस कारण सरकारी कामकाज चार दिन से पूरी तरह से ठप रहा। सभी विभागों के मुलाजिम बेशक सोमवार को रोजाना की भांति ही अपनी ड्यूटी पर पहुंचे, लेकिन किसानों ने किसी को भी अंदर दाखिल नहीं नहीं दिया। मुलाजिम व अधिकारी नगर कौंसिल के पुराने दफ्तर, क्लब रोड, रेस्ट हाउस व बस स्टैंड में करीब दो घंटे तक बातचीत के जरिये मसला हल होने का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई हल न होने पर मुलाजिम लौट गए। किसानों ने डीसी दफ्तर के समक्ष पंजाब सरकार का पुतला फूंका।

तहसील दफ्तर के गेट की तरफ किसानों द्वारा रास्ता बंद करने पर अस्टाम फरोशों ने रोष जताया कि उनका कामकाज प्रभावित हो रहा है, जिसके बाद किसानों ने तहसील कांप्लेक्स का छोटा गेट आम लोगों के तहसील कांप्लेक्स में मौजूद अस्टाम फरोशों के खोखों पर आने-जाने के लिए खोल दिया, लेकिन खजाना दफ्तर के गेट व आरटीए दफ्तर को जाने वाले रास्ते को किसानों ने पक्के तौर पर बंद रखा, जहां पुलिस के जवान भी तैनात थे। बंद से लोग हुए परेशान आरटीए दफ्तर, तहसील दफ्तर, सेवा केंद्र व फर्द केंद्र मौजूद हैं, जहां रोजाना सैकड़ों लोग अपने चालान भरने, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फीस भरने, फोटो खिंचवाने, जमीन के मामलों में फर्द प्राप्त करने, तहसील दफ्तर में रजिस्ट्रियां करवाने व सेवा केंद्र में विभिन्न प्रकार के कामकाज करवाने के लिए आते हैं, लेकिन सोमवार को भी कोई कामकाज नहीं हो पाया।

इस कारण लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सेवा केंद्र पर हर दिन 500 से अधिक लोग कामकाज करवाने पहुंचते हैं, शनिवार को भी लोगों की सुविधा की खातिर सेवा केंद्र खोला जाता है। मोहल्ला निवासी व दुकानदार प्रभावित नगर कौंसिल दफ्तर से बस स्टैंड तक का रास्ता पर धरने के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि शहर की आधी आवाजाही इसी रोड से है। साथ लगती प्रेम बस्ती के लोगों के अलावा बस स्टैंड, मेन बाजार, नगर कौंसिल दफ्तर, सब्जी मंडी, पटवारा खाना व डीसी दफ्तर में कामकाज के लिए इसी रास्ते से आना-जाना होता है, लेकिन धरने के कारण पूरी कालोनी के निवासी व दुकानदार परेशान हो चुके हैं।

रोड पर लगी ट्रैक्टर-ट्रालियां

गलियों के मुख्य गेटों पर लगी ट्रालियों के कारण लोग बाहर निकल ही नहीं पा रहे हैं। शाम तक रोड पर आवाजाही ठप रहती है। दुकानदार व बैंक मुलाजिम भी परेशान इस रोड पर बैंक आफ इंडिया की ब्रांच, कई आइलेट्स सेंटर, गारमेंट्स की दुकानें, करियाना की दुकानें मौजूद हैं, लेकिन धरने के कारण बैंक अधिकारी बेशक बैंक तक पहुंच जाते हैं, लेकिन आम लोग बैंक में कामकाज के लिए नहीं जा सकता।

जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के भीतर भी खजाना दफ्तर व स्टेट बैंक आफ इंडिया की ब्रांच, डाकघर की शाखा है, लेकिन पक्के घेराव के कारण यह भी कामकाज ठप है। दुकानदार जगजीत जग्गी, हरजीत मान, मुकेश सचदेवा, संजीव कुमार ने कहा कि वीरवार से ही उनका कामकाज ठप पड़ा हुआ है। लोग दुकानों तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। प्रशासन उनकी समस्या का हल करें व रोड पर आवाजाही के लिए एक तरफ का रास्ता खुलवाएं।

सरकार का पुतला जलाया, नहीं हुआ कोई हल

मृतक किसान मेघराज बावा के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा, एक परिजन को सरकारी नौकरी, परिवारका सारा कर्ज माफ करने की मांग को लेकर चल रहे धरने तहत सोमवार को प्रशासन या सरकार की तरफ से कोई हल नहीं किया गया।

जिला प्रधान अमरीक सिंह गंढ़ुआं ने कहा कि कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला की तरफ से बातचीत के लिए संदेश आया था, लेकिन सोमवार तक उन्होंने कोई मुलाकात नहीं की। प्रशासन सरकार से संपर्क करके शुक्रवार को परिवार को तीन लाख मुआवजा देने पर सहमत थे, लेकिन भाकियू दस लाख मुआवजे की मांग करते हुए तीन लाख मुआवजे को ठुकरा चुकी है। जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के पक्का घेराव जारी रहेगी। किसी अधिकारी या मुलाजिम को अंदर दाखिल नहीं होने देंगे। सरकार व प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ डीसी दफ्तर समक्ष पंजाब सरकार का पुतला जलाकर रोष जताया।


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