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पराली जलाने के दर्ज मामले रद करवाने को पक्के मोर्चे पर उतरे किसान

संवाद सहयोगी संगरूर भारतीय किसान यूनियन एक्ता उगराहां द्वारा प्रांतीय प्रधान जोगिदर सिंह उगरांहा की अगुआई में पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार द्वारा किए गए जुर्मानों को लेकर प्रबंधकीय कॉम्पलेक्स के समक्ष तीन दिन का पक्का मोर्चा लगाया गया। रोष प्रदर्शन में सात ब्लॉकों मालेरकोटला धूरी संगरूर सुनाम लहरागाग दिड़बा व भवानीगढ़ के सैंकड़ों की संख्या में किसानों ने धरना प्रदर्शन में कैैप्टन सरकार व केन्द्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। बतादें कि किसान तीन दिन तक चलने वाले पक्के मोर्चे के लिए चाय पानी लंगर रझाई व बिस्तर के साथ स्थानीय डीसी कॉम्पलेक्स के समक्ष पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:11 AM (IST)
पराली जलाने के दर्ज मामले रद करवाने को पक्के मोर्चे पर उतरे किसान
पराली जलाने के दर्ज मामले रद करवाने को पक्के मोर्चे पर उतरे किसान

संवाद सहयोगी, संगरूर : पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज हुए मामलों को रद करवाने व किसानों को जुर्माने की वसूली के लिए निकाले जा रहे नोटिस के विरोध में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा प्रांतीय प्रधान जोगिदर सिंह उगराहां की अगुआई में जिला प्रबंधकीय परिसर के समक्ष तीन दिवसीय किसान मोर्चा आरंभ किया गया। पराली जलाने वाले किसानों पर सरकार द्वारा किए गए जुर्माना को लेकर किसानों ने रोष जाहिर किया।

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रोष प्रदर्शन में सात ब्लॉकों मालेरकोटला, धूरी, संगरूर, सुनाम, लहरागाग, दिड़बा व भवानीगढ़ के भारी गिनती में किसानों ने कैप्टन व केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। पक्के मोर्चे के लिए चाय, पानी, लंगर व बिस्तर के साथ धरनास्थल पर पहुंचे। धरने के कारण रोड पर आवागमन बंद रहा, जिस कारण वाहनों को अन्य रास्तों से होकर गुजरना पड़ा।

धरने में प्रांतीय प्रधान जोगिदर सिंह उगराहां व जिला प्रधान अमरीक सिंह गंढूआ ने कहा कि कैप्टन सरकार द्वारा पराली जलाने वाले किसानों पर मामले दर्ज करना सरासर धक्का है। अगर पराली जलाने के लिए किसान जिम्मेदार है तो पराली का उचित प्रबंधन करने में किसान की सहायता न करने व जरूरी मशीनें मुहैया न करवाने के लिए प्रशासन व सरकार भी बराबर की जिम्मेदार है। पराली जलाने वाले किसानों व कंबाइन मालिकों पर भी मामले दर्ज किए गए हैं। बहुत से किसानों ने खेतीबाड़ी विभाग की सिफारिश पर पराली को आग लगाए बिना ही खेती की थी, मगर ऐसी फसल पर सैनिक सुंडी ने हमला कर फसल को बर्बाद कर दिया।

उन्होंने पराली को आग लगाए बिना फसल बिजने वाले किसानों को 2500 रुपए प्रति एकड़ अदा करने, कंबाइन मालिकों को किए गए 2-2 लाख के जुर्माने रद करने, सुंडी के कारण खराब हुई फसल का किसानों तुरंत मुआवजा देने, पंजाब सरकार द्वारा ऐलान की गई 2-2 लाख रुपये तक कर्जा माफी की स्कीम तुरंत लागू करने, किसानों की जमीन को लाल लकीर में करने का फैसला तुरंत वापस लेने, किसानों पर पराली जलाने को लेकर दर्ज मामले रद करने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए सीएए, एनपीआर व एनसीआर का विरोध करते हुए कहा कि सरकार ऐसे कानूनों को लागू करके लोगों को फिरकू मामलों में उलझा रही है। इस मौके पर सोमा सिंह लोंगोवाल, दरबारा सिंह छाजला, कृपाल सिंह धूरी, जसवंत सिंह तोलावाल, बलजिदर सिंह हथन, राज सिंह मंगवाल, गोबिदर सिंह मंगवाल, जगतार सिंह कालाझाड़, दर्शन सिंह शादीहरी, अजायब सिंह लक्खेवाल, धरमिदर सिंह पिसोर, हरबंस सिंह लड्डा सहित अन्य किसान उपस्थित थे।


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