जगमेल हत्याकांडः सरकार के खिलाफ लोगों में उबाल, सुनाम-लहरा मेन रोड पर लगाया जाम
विपक्ष के नेता हरपाल चीमा और सुनाम से अाम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने गांव चंगालीवाला में पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें समर्थन दिया है।
संगरूर, [मनदीप कुमार]। अनुसूचित जाति के युवक जगमेल सिंह की मौत के मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रविवार को जगमेल के परिजनों में संगरूर में धरना प्रदर्शन कर परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा, घर के एक सदस्य को नौकरी और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने सूनाम को जाने वाले रोड पर यातायात भी जाम कर दिया है। इस बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल चीमा और सुनाम से अाम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने गांव चंगालीवाला में पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बधाया है। इधर, परिवार ने न्याय मिलने तक अंतिम संस्कार से इन्कार कर दिया है।
चीमा ने कहा कि राज्य में सराकार नाम की कोई चीज नहीं है। अपराधी व असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। दलितों पर यह अत्याचार का पहला मामला नहीं है। इस घटना ने भीम टांक की घटना को ताजा कर दिया है। उन्होंने परिवार के लिए एक सदस्य को सरकारी नौकरी, 50 लाख के मुअावजे की मांग का समर्थन किया। उधर, संगरूर के सांसद भगवंत मान ने यह मुद्दा संसद मे उठाने का एलान किया है।
बसपा सहित कई संगठनों ने किया रोड जाम, अरोड़ा भी धरने पर बैठे
संगरूरः जगमेल हत्याकांड के विरोध में सुनाम-लहरा मेन रोड पर धरना देते हुए विधायक अमन अरोड़ा और बसपा व विभिन्न संगठनों के सदस्य।
संगरूरः जगमेल सिंह के परिजनों के समर्थन बहुजन समाज पार्टी, मजदूर मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताअों ने सुनाम-लहरा मेन रोड पर धरना लगा दिया है। सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा भी धरने में शामिल हुए। अरोड़ा ने इस मामले में आरोपितों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की खातिर हर संघर्ष में शामिल होने का एलान किया। साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग पर हर दिन होने वाले इस अत्याचारों के लिए सरकार को आड़े हाथ लिया।
यह है मामला
कुछ दिन पहले गांव चंगालीवाला में अनुसूचित जाति के जगमेल सिंह को कुछ आपराधिक युवकों ने पिलर से बांधकर पीटा। उस पर अत्याचार किया। हालत बिगड़ने पर उसे पीजीआइ ले जाया गया, जहां बाद में उपचार के दौरान उसकी दोनों टांगें काटनी पड़ी थीं। शनिवार को उसकी हालत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई थी। सूबे में कानून-व्यवस्था का बुरे हाल का हवाला देकर परिजन सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
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