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डीटीएफ ने अध्यापकों की मांगों संबंधी मुख्यमंत्री नाम एडीसी को ज्ञापन सौंपा

डीटीएफ के वार्षिक जनरल कौंसिल के फैसले अनुसार अध्यापकों की तीन अहम मांगों नई भर्ती कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने व पुरानी पेंशन की बहाली संबंधी मांग को लेकर मुख्यमंत्री पंजाब के नाम एडीसी सुखप्रीत सिंह सिद्धू को मांग पत्र सौंपा गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 07:16 PM (IST)
डीटीएफ ने अध्यापकों की मांगों संबंधी मुख्यमंत्री नाम एडीसी को ज्ञापन सौंपा
डीटीएफ ने अध्यापकों की मांगों संबंधी मुख्यमंत्री नाम एडीसी को ज्ञापन सौंपा

संवाद सूत्र, मालेरकोटला

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डीटीएफ के वार्षिक जनरल कौंसिल के फैसले अनुसार अध्यापकों की तीन अहम मांगों नई भर्ती, कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने व पुरानी पेंशन की बहाली संबंधी मांग को लेकर मुख्यमंत्री पंजाब के नाम एडीसी सुखप्रीत सिंह सिद्धू को मांग पत्र सौंपा गया। डीटीएफ के जिलाध्यक्ष विक्रमजीत सिंह व उपाध्यक्ष धरमिदर सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग में पहले से ही प्रक्रिया अधीन 35 हजार पोस्टें हैं, जिनमें प्री-प्राइमरी की 8393, ईटीटी की 2364, 6635, 22 और 5994 भर्ती, मास्टर काडर की 4161, पीटीआई की 643, आर्ट एंड क्राफ्ट, लैक्चरार की 343 भर्ती, क्लर्कों की भर्ती व 25 फीसदी सीधी भर्ती कोटे अनुसार स्कूल प्रभारियों की भर्ती शामिल है, की प्रक्रिया मुकम्मल करके तुरंत नियुक्त पत्र जारी किए जाने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त खत्म की पोस्टें बहाल करके चुतुर्थ श्रेणी से लेकर प्रिसिपल तक सभी रिक्त पोस्टों के नए विज्ञापन जारी किए जाएं, ताकि सरकारी स्कूलों में अध्यापकों व अन्य स्टाफ की कमी को पूरा किया जा सके। ओवरएज हो चुके बेरोजगारों को आयू सीमा में छूट दी जाए। डीटीएफ नेताओं इंद्रजीत मालेरकोटला, अख्तर अली, कुलवीर सिंह व अमृत सिंह ने मांग की कि सभी कच्चे अध्यापकों समेत शिक्षा वलंटियर, प्रोवाइडर, एनएसक्यूएफ आईईआरटी व नान टीचिग स्टाफ को बिना शर्त रेगूलर किया जाए। पंजाब सरकार की 100 फीसदी फंडिग वाली पिकटस सोसायटी अधीन रेगूलर व कनफर्म कंप्यूटर फैक्लटी को शिक्षा विभाग में मर्ज किया जाए। आदर्श स्कूल व मैरीटोरियस स्कूल स्टाफ को रेगूलर किया जाए।

डीटीएफ नेता कमलप्रीत सिंह व रोबिन शर्म ने मांग की कि 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए मुलाजिमों पर लागू नई पेंशन स्कीम को रद्द करके पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाए। इस मांग को लेकर 9 जुलाई को पुरानी पेंशन प्राप्ति फ्रंट की अगवाई में संगरूर में होने जा रही प्रांतीय कनवेंशन तथा वित्त मंत्री कि रिहायश की तरफ होने वाले मार्च का हिस्सा बनने का फैसला भी लिया गया।


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