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धुंध व सर्द हवाओं से ठिठुरन बढ़ी, न्यूनतम तापमान आठ डिग्री

पंजाब समेत कई राज्यों में चल रही शीतलहर का थर्ड डिग्री टार्चर कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 07:18 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:18 PM (IST)
धुंध व सर्द हवाओं से ठिठुरन बढ़ी, न्यूनतम तापमान आठ डिग्री
धुंध व सर्द हवाओं से ठिठुरन बढ़ी, न्यूनतम तापमान आठ डिग्री

जागरण संवाददाता, संगरूर

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पंजाब समेत कई राज्यों में चल रही शीतलहर का थर्ड डिग्री टार्चर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। सूर्य के दर्शन हुए दस दिन से अधिक समय हो चला है। धुंध व कोहरे ने जहां आम जीवन पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। वहीं फसलों व पशुओं पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। छोटे बच्चे व किसी बीमारी से पीड़ित मरीज सबसे अधिक दुखी हैं। पिछले समय के दौरान हुई भारी बारिश व ओलावृष्टि के बाद ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। संगरूर का सोमवार को अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सैल्सियस रहा। सुबह घना कोहरा होने के कारण विजिबिलिटी आठ फीट तक ही रही, जिस कारण राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

शहर हो या गांव जगह- जगह पर लोग धूनी सेंककर ठंड से राहत पाने की कोशिश करते दिखाई देते हैं लेकिन जैसे ही धूनी से दूर गए ठंड दोबारा जकड़ लेती है। सुबह व शाम के वक्त बाजारों में चहल पहल कम हो जाती है। दोपहर को थोड़ी बहुत भीड़ देखने को मिल रही है। मौसम विभाग की मानें तो अभी चार दिन और ठंड पड़ने के आसार हैं। ऐसे में मरीजों व बच्चों का खास ख्याल रखना चाहिए।

संगरूर शहर के बाजारों में चिकन, अंडा, रेस्टोरेंट, होटलों व ड्राई फूट की दुकानों पर अधिक देखने को मिल रही है। वहीं बच्चों के लिए मोटे कपड़े की खरीददारी भी खूब हो रही है। खेतों की बात की जाए तो एक सप्ताह पहले हुई बारिश का पानी अभी तक खेतों से सूखा नहीं है जो गेहूं के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो रहा है जबकि गेहूं को बेहद कम पानी की जरूरत होती है। ------------------

गेहूं के पौधे पड़ने लगे पीले

किसान बलदेव सिंह, जागर सिंह व सतनाम सिंह ने बताया कि पानी जमा होने से गेहूं के पौधे पीले पड़ने लगे हैं। यूरिया सहित अन्य खाद डालकर फसल को बचा रहे हैं। ऊपर से धूप न निकलने से जमीन सूख नहीं रही। अब फरवरी महीना शुरू होने तक पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। हरे चारे सहित मटर, आलू, सरसों, धनिया, पालक, चना इत्यादि छोटी फसलें अधिक ठंड पड़ने व धूप न निकलने से बढ़वार नहीं कर रहीं। पशुओं को दिन रात बरामदे में ही रखना पड़ रहा है। गर्मी देने के लिए तूड़ी व गोबर के उपलों की धूनी जला रहे हैं।


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