अध्यापकों को डेपोटेशन पर भेजना गलत : डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट
शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के खाली पदों पर नई भर्ती करने के बजाय मिडल स्कूलों के अध्यापकों को हाई व सेकेंडरी स्कूलों में भेजने का फैसला निंदनीय है।
संवाद सहयोगी, संगरूर : शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के खाली पदों पर नई भर्ती करने के बजाय मिडल स्कूलों के अध्यापकों को हाई व सेकेंडरी स्कूलों में भेजने का फैसला निंदनीय है। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के प्रांतीय प्रधान रघवीर सिंह, राज्य नेता कुलदीप सिंह व सुखविदर सिंह ने कहा कि इस वर्ष 31 मार्च व 30 सितंबर को बड़ी संख्या में अध्यापक सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन महामारी के कारण सरकारी स्कूलों में छात्रों के दाखिले बढ़ने से छात्रों की संख्या काफी बढ़ गई है। जिन्हें पढ़ाई के लिए स्टाफ की जरूरत है। सरकारी स्कूलों में स्टाफ की भारी कमी है, लेकिन शिक्षा विभाग नई भर्ती के बजाय केवल काम चला रहा है। इससे छात्रों की पढ़ाई को नुकसान हो रहा है। उन्होंने मांग की कि अध्यापकों की नई भर्ती की जाए। इस मौके प्रेस सचिव कर्मजीत सिंह, शिवाली गिर, कमल घोड़ेनब, सुखबीर सिंह, गुरदीप सिंह, दीनानाथ व गुरजंट चहल आदि उपस्थित थे।
वक्फ बोर्ड के सदस्य ने किया इस्लामिया स्कूल का दौरा
वहीं मालेरकोटला में पंजाब वक्फ बोर्ड के सदस्य जैनब अख्तर ने इस्लामिया कंबोज सीनियर सेकेंडरी स्कूल व लड़कियों के इस्लामिया स्कूल किला रहमतगढ़ का विशेष दौरा किया। उनके साथ बोर्ड के एडवोकेट अजाज आलम, शबाना बेगम व अब्दुल शकूर भी थे। जैनब अख्तर ने कहा कि बोर्ड क्षेत्र में मुस्लिम शिक्षक संस्थाओं में शिक्षा को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लाकडाउन के दौरान स्कूल बंद हो गए थे। ऐसे में खाली समय देखते हुए स्कूलों में नए कक्षा रूम बनाए गए, पुरानी बिल्डिगों की मरम्मत करवाई गई, स्मार्ट कक्षाएं बनाई गई। इस कारण आज शहर के लोग बच्चों को माडल स्कूलों से हटाकर इस्लामिया स्कूल में दाखिल करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों के इस्लामिया स्कूल को जल्द स्मार्ट कक्षाएं व लाइब्रेरी के लिए विशेष ग्रांट दिलाई जाएगी। वहीं इस्लामिया कंबोज स्कूल को ग्रांट देने की मांग पर गौर किया जाएगा।