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सीएए के विरोध के दौरान गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग

संवाद सूत्र सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) नौजवान भारत सभा व पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन ने प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 06:08 PM (IST)
सीएए के विरोध के दौरान गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग
सीएए के विरोध के दौरान गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग

संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : नौजवान भारत सभा व पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (शहीद रंधावा) के सरगर्म सदस्यों ने पीरां वाला गेट चौक व रेलवे स्टेशन रोड पर दर्जनों विद्यार्थी कार्यकर्ताओं व सीएए विरोधी आंदोलन दौरान दर्ज किए मामलों व गिरफ्तार किए गए सदस्यों की रिहाई और झूठे केस रद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है। संगठनों ने राज्य के लोकतांत्रिक क्षेत्रों को निमंत्रण दिया गया था कि वह इसके खिलाफ जोरदार आवाज बुलंद करें व इन प्रदर्शनों में शिरकत करें।

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नौजवान भारत सभा के नेता दर्शन सिंह सुनाम व पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (शहीद रंधावा) के नेता रमन सिंह कालाझाड़ ने कहा कि दिल्ली व यूपी की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दर्जनों कारकूनों को लॉकडाउन व क‌र्फ्यू की दहशत के दौरान गिरफ्तार करके जेलों में बंद कर दिया गया है। सीएए विरोधी संघर्ष दौरान मोदी सरकार के खिलाफ बेखौफ मैदान में उतरने वाले इन विद्यार्थियों को सबक सिखाने के मंशा से ऐसा जबर किया जा रहा है। देशद्रोह के मामलों को 7/51 की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए विद्यार्थियों में एक गर्भवती लड़की सफूरा जरगर को दिल्ली साम्प्रदायिक हिसा के लिए दोषियों के तौर पर मामलों में फंसाया जा रहा है, जबकि हिसा भड़काने व हत्याकांड रचाने के दोषी कपिल मिश्रा जैसे की तरफ अंगुली तक नहीं की गई। इन गिरफ्तारियों व मामलों द्वारा मोदी सरकार देश भर के नौजवानों को हमले के खिलाफ उतरने से मना करना चाहती है व नौजवान विद्यार्थियों के मनों में खौफ पैदा करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के हमले के खिलाफ गूंजती आ रही बुद्धिजीवियों व लोकतांत्रिक हकों के सदस्यों की आवाज को दबाने के लिए ही मुल्क के नामी बुद्धिजीवियों को जेलों में बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संगठनों द्वारा दुनिया के नामी बुद्धिजीवियों व लोकतांत्रिक क्षेत्रों की तरफ से मोदी सरकार के इस जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। इन कारकूनों को रिहा करने की मांग की जा रही है, परंतु यह सरकार हर तरह की आवाज को अनसुनी कर रही है। इस हमले के खिलाफ मुल्क के लोगों को एकजुट होकर आगे आना चाहिए। इस मौके जसवीर सिंह गाजेवास, गगनदीप छाजली, दविदर सिंह छाजली आदि उपस्थित थे।


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