पंजाबी भाषा को सरकारी भाषाओं की सूचि में शामिल करने की माग
संवाद सहयोगी संगरूर मालवा लिखारी सभा संगरूर के नेतृत्व में जिले के साहित्यकारों ने बैठक की।
संवाद सहयोगी, संगरूर
मालवा लिखारी सभा संगरूर के नेतृत्व में जिले के साहित्यकारों द्वारा सरकारी भाषाओं की सूची में पंजाबी को शामिल करवाने हेतु एडीसी संगरूर अनमोल सिंह धालीवाल को ज्ञापन सौंपा गया। डा. मीत खटड़ा, डा. इकबाल सिंह, दलबार सिंह, कर्म सिंह जख्मी, राजिदर सिंह, गुरप्रीत सिंह आदि ने कहा कि केंद्र सरकार देश में जबरी हिदी थोपने की कोशिश में है, जिसके तहत जम्मू कश्मीर के लिए भाषा रिकार्ड में पंजाबी भाषा से भेदभाव किया जा रहा है। देश की आजादी के बाद पंजाब व पंजाबियत को खत्म करने हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में बहुत से लोग पंजाबी बोलते हैं। यह जानते हुए भी केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाबी भाषा को अनदेखा कर रही है। उन्होंने मांग की कि सूची में पंजाबी भाषा को दर्ज किया जाए, क्योंकि देश के ज्यादातर हिस्सों में पंजाबी लोगों की अच्छी खासी आबादी है।