Move to Jagran APP

आरटीआइ से खुलासा : गो सेस का करोडों रुपये डकर चुकी है सरकार

दिड़बा (संगरूर) बेसहारा पशुओं की वजह से हो रही दुर्घटनाओं पर चिता व्यक्त की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 05:13 PM (IST)
आरटीआइ से खुलासा : गो सेस का करोडों रुपये डकर चुकी है सरकार
आरटीआइ से खुलासा : गो सेस का करोडों रुपये डकर चुकी है सरकार

जेएनएन, दिड़बा (संगरूर) : बेसहारा पशुओं की वजह से हो रही दुर्घटनाओं पर चिता व्यक्त करते सरकार व प्रशासन द्वारा आवारा जानवरों की संभाल न करने से खफा लोक जागृति मंच के राज्य प्रधान बृज भान बुजर्ग ने आरटीआइ के जरिये गोसेस के नाम पर एकत्रित की गई राशि का खुलासा किया।

loksabha election banner

आरटीआइ के माध्यम से मिली जानकारी से यह साफ है कि राज्य सरकार गो सेस के नाम पर 70 करोड़ रुपये दबा कर बैठी है। शहरों से लेकर गांवों तक हर गली-मोहल्ले व मेन सड़कों पर बेसहारा पशु घूम रहे हैं। इन बेसहारा जानवरों की वजह से रोजाना कई दुर्घटनाएं होती हैं व कोई भी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। यहां तक कि कई विभाग भी सरकार ने गो सेस के नाम पर जमा राशि को निकलवाने व लोगों का भला करने में नाकाम रहे हैं। मैरिज पैलेसों के प्रति कार्यक्रम पर एक हजार, शराब पर दस पैसे, बीयर की एक बोतल पर पांच पैसे, चार टायर वाले वाहन पर एक हजार रुपये, सीमेंट के एक थैले पर एक रुपया गो सेस लिया जाता है। एकत्रित गो सेस विभागों के पास जमा है। दूसरी तरफ गर्मी का मौसम होने के कारण परेशान जानवर सड़क को ही अपना रैन बसेरा बना लेते हैं। रात को इन आवारा जानवरों के कारण दुर्घटनाएं होती हैं। डीसी संगरूर द्वारा घटित हादसों व लोगों में पाए गए रोष को देखते हुए बीडीपीओ व विभागों के अधिकारियों को कैटल शैड बनाने व इनकी देखभाल करने के आदेश दिए हैं। प्रशासन व सरकारों के इनकी संभाल के पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। सरकार गोसेस की राशि का कर रही दुरुपयोग : चीमा

विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा गो सेस के नाम पर करोड़ों राशि जमा करवाए जाते हैं, लेकिन इस धन का उपयोग गायों पर न करके उस धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस सबंधी कई बार मामला विधानसभा में भी उठाया है। परंतु हर बार इस समस्या का हल करने की बात की जाती है, मगर समस्या का समाधान नहीं किया जाता। रोजाना पंजाब के लोग इनकी वजह से अपनी जाने गवां रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.