आरटीआइ से खुलासा : गो सेस का करोडों रुपये डकर चुकी है सरकार
दिड़बा (संगरूर) बेसहारा पशुओं की वजह से हो रही दुर्घटनाओं पर चिता व्यक्त की।
जेएनएन, दिड़बा (संगरूर) : बेसहारा पशुओं की वजह से हो रही दुर्घटनाओं पर चिता व्यक्त करते सरकार व प्रशासन द्वारा आवारा जानवरों की संभाल न करने से खफा लोक जागृति मंच के राज्य प्रधान बृज भान बुजर्ग ने आरटीआइ के जरिये गोसेस के नाम पर एकत्रित की गई राशि का खुलासा किया।
आरटीआइ के माध्यम से मिली जानकारी से यह साफ है कि राज्य सरकार गो सेस के नाम पर 70 करोड़ रुपये दबा कर बैठी है। शहरों से लेकर गांवों तक हर गली-मोहल्ले व मेन सड़कों पर बेसहारा पशु घूम रहे हैं। इन बेसहारा जानवरों की वजह से रोजाना कई दुर्घटनाएं होती हैं व कोई भी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। यहां तक कि कई विभाग भी सरकार ने गो सेस के नाम पर जमा राशि को निकलवाने व लोगों का भला करने में नाकाम रहे हैं। मैरिज पैलेसों के प्रति कार्यक्रम पर एक हजार, शराब पर दस पैसे, बीयर की एक बोतल पर पांच पैसे, चार टायर वाले वाहन पर एक हजार रुपये, सीमेंट के एक थैले पर एक रुपया गो सेस लिया जाता है। एकत्रित गो सेस विभागों के पास जमा है। दूसरी तरफ गर्मी का मौसम होने के कारण परेशान जानवर सड़क को ही अपना रैन बसेरा बना लेते हैं। रात को इन आवारा जानवरों के कारण दुर्घटनाएं होती हैं। डीसी संगरूर द्वारा घटित हादसों व लोगों में पाए गए रोष को देखते हुए बीडीपीओ व विभागों के अधिकारियों को कैटल शैड बनाने व इनकी देखभाल करने के आदेश दिए हैं। प्रशासन व सरकारों के इनकी संभाल के पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। सरकार गोसेस की राशि का कर रही दुरुपयोग : चीमा
विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा गो सेस के नाम पर करोड़ों राशि जमा करवाए जाते हैं, लेकिन इस धन का उपयोग गायों पर न करके उस धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस सबंधी कई बार मामला विधानसभा में भी उठाया है। परंतु हर बार इस समस्या का हल करने की बात की जाती है, मगर समस्या का समाधान नहीं किया जाता। रोजाना पंजाब के लोग इनकी वजह से अपनी जाने गवां रहे हैं।